नई दिल्ली। Russia-Ukraine War: यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने के प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर केंद्र सरकार के चार मंत्रियों को यूक्रेन की सीमा से सटे देशों के लिए रवाना किया गया है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को रोमानिया में मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने भारतीय राजदूत राहुल श्रीवास्तव से रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर चर्चा करने के लिए मुलाकात की। आने वाले दिनों में बुखारेस्ट और सुसेवा से निकासी और उड़ान संचालित करने को लेकर भी विस्तार से बात हुई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “रोमानिया और मोल्दोवा में भारतीय राजदूत राहुल श्रीवास्तव से मुलाकात की और आने वाले दिनों में बुखारेस्ट और सुसेवा से निकासी और उड़ान योजना के लिए परिचालन मुद्दों पर चर्चा की। ऑपरेशन गंगा पूरे एक्शन में है!”
भारतीय छात्रों के लिए खोली गई मोल्दोवा की सीमाएं
सिंधिया ने यह भी बताया है कि यूक्रेन से आने वाले भारतीय छात्रों के लिए मोल्दोवा की सीमाएं खोल दी गई हैं और भारत के लिए आगे की उड़ान के लिए बुखारेस्ट की यात्रा की व्यवस्था करने के लिए बातचीत चल रही है।
उन्होंने ट्वीट किया, “आने वाले भारतीय छात्रों के लिए मोल्दोवा की सीमाएं खोल दी गई हैं। उचित आश्रय और भोजन की व्यवस्था की जाएगी। भारत के लिए आगे की उड़ान के लिए बुखारेस्ट की यात्रा की व्यवस्था करने के लिए बातचीत की जा रही है।
भारतीय छात्रों से मिले सिंधिया
इससे पहले दिन में सिंधिया ने बुखारेस्ट हवाई अड्डे पर अपनी उड़ानों का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों से मिले और बातचीत की और उन्हें रोमानियाई राजधानी से उनके त्वरित प्रस्थान का आश्वासन दिया।
सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, “बुखारेस्ट हवाई अड्डे पर अपनी उड़ानों का इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों से मुलाकात की और बातचीत की। कठिन समय के बीच उनकी को समझ सकता हूं। उन्हें बुखारेस्ट से उनके त्वरित प्रस्थान का आश्वासन दिया हूं।”
भारतीय छात्रों को लाने के लिए ऑपरेशन गंगा
बता दें कि रूस की सेनाओं द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद भारत सरकार ने यूक्रेन से फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया।
‘ऑपरेशन गंगा’ मिशन के तहत विशेष उड़ानें नि:शुल्क संचालित की जा रही हैं। यूक्रेन में फंसे 219 भारतीय नागरिकों को लेकर इस तरह की पहली निकासी उड़ान 26 फरवरी को मुंबई में उतरी। ऐसी कई उड़ानें अब तक भारत में उतर चुकी हैं।