Ramayana Festival: कुमार विश्वास ने कविता से बांधा समा, बोले- ‘राजा वही जो गरीब से इंसाफ करे…’

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रायगढ़ । छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आखिरी दिन कवि डॉ. कुमार विश्वास ने शानदार समा बांधा. डॉ. कुमार विश्वास ने ‘अपने-अपने राम’ की थीम पर मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की. विश्वास ने कहा कि राजा वही जो गरीब से इंसाफ करे. शबरी के बेर खाकर जमाने को मोड़ दे. छत्तीसगढ़वासी भाग्यशाली हैं, जो उन्हें यहां कौशल्या जैसी मां मिली है.

डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि अभिज्ञान शकुंतलम का दुष्यंत हिरण के पीछे भागता है. उसे ऋषि कुमार रोक देते हैं. यह भारत का लोकतंत्र है. उन्होंने प्रदेश में केलो नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार द्वारा किए गए कामों की भी प्रशंसा की. कार्यक्रम की शरुआत करने से पहले उन्होंने ओड़िशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में अपनी जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जताया आभार
कवि डॉ. विश्वास ने कहा “मैं यहां पिछले 30 वर्षों से आ रहा हूं, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरे राम का यहां इतना गहरा प्रभाव है. लोग कहते हैं कि आपके प्रदेश में क्या मिलेगा, तो अब मैं पूरे विश्व को बताऊंगा कि, यहां शबरी और कौशल्या के राम मिलेंगे.” उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें भगवान राम के लिए इतना सुंदर कार्य करने का अवसर मिला है, यह सौभाग्य की बात है. डॉ. विश्वास ने कहा कि मेघदूतम में भी लिखा गया है कि यहां के लोग सौभाग्यशाली है. महात्मा गांधी, भगवान राम से प्रभावित नहीं होते, तो वो अंग्रेजों से इतनी बड़ी लड़ाई नहीं लड़ पाते.

डॉ. विश्वास ने क्या कहा
विश्वास ने आगे कहा “गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा कि भगवान शंकर पार्वती मैया को कहते हैं कि रामकथा संशय नष्ट करती है. मैं राम पर इसलिए कह रहा हूं कि ये कथा सबसे पहले वाल्मीकि ने सुनाई. फिर तुलसीदास ने और तमिल रामायण के रचियता कम्बन ने भी सुनाई. ये हमारी परंपरा है. मैं इसी का निर्वाह कर रहा हूं. मैं राम पर लिखूं इतनी मेरी हिम्मत नहीं है.”

उन्होंने कहा कि तुलसीदास और वाल्मीकि ने छोड़ा नहीं है कुछ, लेकिन मैं वतन की खाक से बाहर नहीं हूं. वो राम जिसका नाम जादू है. इस प्रकार राम का चरित्र है. डॉ. कुमार विश्वास का ये प्रंसग सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी झूम उठे.