Saturday, July 27, 2024
HomeकोरबाKorba: इस मछली की तलाश में इंग्लैंड से भारत पहुंचे वैज्ञानिक ......

Korba: इस मछली की तलाश में इंग्लैंड से भारत पहुंचे वैज्ञानिक … 50 से 60 Kg

कोरबा। हसदेव नदी के बांगो डूबान क्षेत्र में साफ पानी का शेर कहे जाने वाले महाशीर मछली की तलाश उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए इंग्लैंड से वैज्ञानिक पहुंचे हैं। उनके द्वारा बांगो डूबान क्षेत्र के बुका, गोल्डन आइलैंड व उसके आसपास क्षेत्र में पानी में महासीर मछली की तलाश की जा रही हैं. ताकि इसके संरक्षण की दिशा पर पहल की जा सके।

 

हसदेव बांगो डुबान क्षेत्र गोल्डन माहसीर मछली जिसे साफ पानी का शेर कहा जाता है उसकी मौजूदगी पूर्व में पाई गई है। देशभर में इस मछली की प्रजाति को बचाने की दिशा पर लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में इंग्लैंड से वैज्ञानिक डॉ. मार्क एवरार्ड दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे हुए हैं।

कटघोरा वन मंडलाधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि डॉ मार्क एवरार्ड बांगो डूबान क्षेत्र के मछुआरों से गोल्डन माहसीर मछली के बारे में चर्चा कर डूबान क्षेत्र में सर्वे का काम कर रहे हैं ताकि गोल्डन माहसीर के संरक्षण की दिशा में सार्थक प्रयास किया जा सके। इसे भारतीय नदियों का शेर भी कहा जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम टोर पुति टोरा है और इस मछली का वजन अधिकतम 50 किलोग्राम तक होता है। इस मछली को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने हाल ही में लुप्तप्राय स्थिति का दर्जा दिया है।

माहसीर भारत, पाकिस्तान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड में पाई जाती है। सात विभिन्न पाई जाने वाली प्रजातियों में प्यूटी टोर और गोल्डन माहसीर सबसे अधिक पसंद की जाती है क्योंकि यह प्रजाति मुख्य मार्तस्यकी का पूरे हिमालयी क्षेत्र में उत्तम साधन है। इस प्रजाति को ग्रेहाऊंड या थिक लिपड माहसीर भी कहा जाता है और 50 से 60 किलो ग्राम का अधिकतम वजन होता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments