SECL के गेवरा खदान में 24 घंटे के भीतर दूसरा हादसा: बारूद से भरे वाहन में हुआ ब्लास्ट, एक की मौत, कई घायल

60
{"remix_data":[],"remix_entry_point":"challenges","source_tags":["local"],"origin":"unknown","total_draw_time":0,"total_draw_actions":0,"layers_used":0,"brushes_used":0,"photos_added":0,"total_editor_actions":{},"tools_used":{},"is_sticker":false,"edited_since_last_sticker_save":false,"containsFTESticker":false}

कोरबा– एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के गेवरा खदान में लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने प्रबंधन और श्रमिकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। बीते 24 घंटों में खदान में दूसरा बड़ा हादसा सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब कोयला उत्खनन के लिए बारूद से भरा एक एक्सप्लोसिव वाहन, ब्लास्टिंग के बाद लौटते समय दुर्घटना का शिकार हो गया।

इस हादसे में वाहन पर सवार आठ लोगों में से एक व्यक्ति की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि बाकी सवार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक, यह वाहन कोयला उत्खनन में ब्लास्टिंग के लिए बारूद लेकर आया था और वापसी के दौरान दुर्घटना में फंस गया। यह हादसा गेवरा खदान क्षेत्र में तब हुआ, जब वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे एक व्यक्ति वाहन में दब गया और उसकी तुरंत मौत हो गई।

गौरतलब है कि यह खदान क्षेत्र में तीन दिनों के भीतर तीसरा हादसा है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना से पहले भी दो और बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे एसईसीएल प्रबंधन और श्रमिकों के बीच असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने खदान क्षेत्र में सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना के बाद एसईसीएल प्रबंधन ने तुरंत दीपका थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस और राहत टीम मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल भेजा गया है, जहां उनका इलाज जारी है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और आगे की जांच शुरू कर दी गई है।

यह घटना खदान की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है। बारूद जैसे खतरनाक विस्फोटक सामग्री को ले जाने वाले वाहनों के लिए सख्त सुरक्षा उपायों की जरूरत होती है, लेकिन लगातार हो रहे हादसों से यह जाहिर हो रहा है कि इन उपायों का पालन ठीक से नहीं हो रहा है। प्रबंधन पर अब सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

इस हादसे के बाद खदान के श्रमिकों और स्थानीय लोगों में गहरी चिंता और गुस्सा देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही सुरक्षा उपायों में सुधार नहीं किया गया, तो ये दुर्घटनाएं और भी घातक साबित हो सकती हैं। हादसे के बाद खदान क्षेत्र में कार्य बंद कर दिया गया है और आगे की कार्यवाही के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

इस हादसे से यह साफ हो गया है कि खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।