Student Suicide : छात्र ने कैंपस में फांसी लगाकर की आत्महत्या, ‘सुसाइड नोट’ से खुलनी चाहिए सबकी आंखें

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नई दिल्ली। Student Suicide : कई बार सूचनाएं खबर नहीं बल्क‍ि चेतावनी होती हैं. ऐसी ही एक दर्दनाक खबर कर्नाटक राज्य से आई जो असल में शैक्षण‍िक संस्थानों के साथ-साथ पूरे समाज के लिए चेतावनी है.

कर्नाटक राज्य के निर्मल जिले के बसर स्थित राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉलेज एंड टेक्नोलॉजीज (RGUKT) के एक छात्र ने 18 दिसंबर की रात अपने कैंपस में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

महज 17 साल के छात्र भानु प्रसाद (17) IIIT बसर के नाम से लोकप्रिय RGUKT से पढ़ाई कर रहे थे. छात्र ने अपनी मौत की वजह अपने सुसाइड नोट में बताई है.

उन्होंने बताया कि वो मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे थे. भानु ने माना है कि उन्हें ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्स‍िव डिसऑर्डर) बीमारी थी. इस बीमारी ने उन्हें इतना परेशान कर दिया था कि वो पढ़ाई तक नहीं कर पा रहे थे.

जिस तरह से भानु ने मानसिक समस्या के कारण अपनी जान ली है, ये न सिर्फ एक शैक्षण‍िक संस्थान बल्क‍ि पूरे समाज पर प्रश्न चिह्न है.

वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि इस मामले में भानु की मदद हो सकती थी. SSRI दवाओं और कॉग्न‍िटिव बिहेविरल थेरेपी समेत अन्य थेरेपीज से ओसीडी के लक्षणों को काबू में किया जा सकता है.

लेकिन, हमारे देश में मेंटल हेल्थ स्क्रीनिंग में हम बहुत पीछे हैं. अगर संस्थान या परिवार कोई भी यह समझ पाता कि वो बच्चा इस समस्या से बुरी तरह ग्रस्त है तो उसका बेहतर इलाज हो सकता था.

सही काउंसिलिंग और जागरूकता न होने से मानसिक समस्याओं को लेकर अक्सर लोग सामने नहीं आते. हरेक शैक्षण‍िक संस्थान में मेंटल हेल्थ को करीकुलम में मेंड‍िटेरी कर देना चाहिए. साथ ही बच्चों की समय-समय पर मेंटल हेल्थ स्क्रीनिंग जरूर होनी चाहिए.