0 एकमात्र जनप्रतिनिधि आशिका ने राजपुरी नदी पर पुल बनाने रखी थी मांग, कराया था प्रदेश के मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण। दशकों से पुल निर्माण की आस लिए मायूस हो रहे ग्रामीण।
जशपुर। हरे-भरे वादियों के खूबसूरत जिला जशपुर में मोहकता तो आपने देखी, अब हम आपको यहां की कठिनाइयों से रूबरू कराते हैं। बगीचा से गुजरने वाली नदी जब बारिश में रौद्र रूप धारण करती है, तो उसके साथ ही इस क्षेत्र के स्कूलीं बच्चों की शिक्षा की धारा ठहर जाती है। नदी में उफान आने पर छात्र-छात्राएं उस पार नहीं जा पाते और तब तक स्कूल नहीं जा पाते, जब तक नदी शांत नहीं हो जाती। क्षेत्र के ग्रामीण जरूरी काम होने पर जान जोखिम में डालकर नदी पार करने विवश होते हैं। शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर लाते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि आशिका कुजूर ही एकमात्र शख्सियत हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाने का प्रयास किया, पर अब तक कोई नतीजा न निकल सका।
जिले के बगीचा ब्लॉक में ग्राम गम्हारिया और ओडका के बीच स्थित राजपुरी नदी में बरसात के समय जलभराव की वजह से ग्रामीणों को नदी पार करने की समस्या होती है। पानी का बहाव तेज होने के कारण स्कूली बच्चे नदी पार नहीं कर पाते और मजबूरन उन्हें घर वापस लौटना पड़ता है। नदी में पानी भरने की यह समस्या दशकों पुरानी है। बीजेपी सरकार ने 15 साल शासन किया लेकिन पुल की तरफ ध्यान नहीं दिया। वर्तमान विधायक विनय भगत को भी समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन उन्होंने भी सिर्फ आश्वासन दिया, समस्या के हल को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। विधायक के द्वारा पुल निर्माण के बजाय बगीचा क्षेत्र में अन्य निर्माण कार्य को प्राथमिकता देने की वजह से ग्रामीणों का गुस्सा फूट रहा है। एक मात्र सड़क मार्ग जो बगीचा मुख्यालय जाती है उस नदी में पानी भरने की वजह से ग्रामीणों की रोजमर्रा की दिनचर्या प्रभावित होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पुल निर्माण से संबंधित आवश्यक कागजात आज तक पूर्ण नही हो पाए हैं। जिसकी वजह से अब तक पुल निर्माण का कार्य शुरू नही हो सका है जिससे प्रभावित होने वाले ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है।
यात्रा में राहुल गांधी से कहा- पुल बनवाएं और नाम रखें, भारत जोड़ो पुल
वर्ष 2019 में जनपद सदस्य का चुनाव जीतने के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि बीडीसी आशिका कुजूर के द्वारा मुख्यमंत्री से पहली मुलाकात हुई उस वक्त भी पुल निर्माण की एकमात्र मांग थी। वर्ष 2020 में जशपुर में हुए जन चौपाल में और 2021 के बगीचा में हुए जन चौपाल में ग्रामीणों की समस्या से लगातार अवगत कराया गया है। आशिका वर्ष 2022 में जब राहुल गांधी के साथ पांच महीने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल थी, तब भी उन्होंने यह इच्छा जाहिर की थी कि इस पुल का नाम भारत जोड़ो पुल रखा जाए।