कोरबा। कटघोरा को जिला बनने का सपना पाले अधिवक्ता अब रूलिंग पार्टी के वादा खिलाफी से नाराज हो गए है। उन्होंने कहा है कटघोरा नगर वासियो की मांग को नजरअंदाज करना आने वाले चुनाव में सत्ता पार्टी को भारी पड़ेगा। चुनावी कटघरे में खड़े कर अब सपना तोड़ने वाले नेताओं का सपना चकनाचूर किया जायेगा।
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बता दें कि चुनाव से पहले कटघोरा को जिला बनाएं जाने का सपना पाले आंदोलनकारियों के सपने पर पानी पड़ गया है। पाली तानाखार में भेंट मुलाकात करने पहुंचे प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने अपनी सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी है।
ऐसे में जिला बनाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे कटघोरावासियों का गुस्सा भड़कना स्वाभाविक है। न तो कटघोरावासियों का आंदोलन काम आया न ही युवा कांग्रेस की रायपुर तक की पद यात्रा। यहां तक की स्थानीय विधायकों को भी जवाब नहीं सूझ रहा है। आठ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, जनता जब सवाल पूछेगी तो क्या जवाब देंगे..?
पहले जब कटघोरा में अतिरिक्त कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का पद शासन ने स्वीकृत किया था तो लोगों को उम्मीद थी कि चुनाव से पहले सरकार अपना वादा पूरा करेगी और कटघोरा को जिला बना दिया जाएगा। लेकिन अब वो ना उम्मीद हो गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन विधायक को होने वाली है जिन्होंने चुनाव के दौरान बाकायदा पोस्टर छपवाकर कटघोरा को जिला बनाने की कसम खाई थी। कटघोरा की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
चर्चा इस बात की है कि आखिर कटघोरा की जनता को कब तक ऐसे ही ठगा जाएगा…? इस सवाल का जवाब अब विधानसभा चुनाव के गर्भ में छिपा हुआ है।