करना चाहते थे इंजीनियरिंग, पर लक्ष्य की राह खुद बनाते हुए रिस्क उठाया और बन गए आईएएस

0
489
करना चाहते थे इंजीनियरिंग, पर लक्ष्य की राह खुद बनाते हुए रिस्क उठाया और बन गए आईएएस

कोरबा। वर्ष 2013 बैच के आईएएस अफसर अजीत वसंत को कोरबा का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है। अपने करियर के तीसरे जिले की कलेक्टरी संभालने जा रहे श्री वसंत ने सिविल सेवा में आने कड़ी मेहनत की। स्कूल में उन्होंने पहले पीसीएम लिया, ताकि आगे जाकर इंजीनियरिंग कर सकें और करियर सिक्योर कर सकें। पर हायर सेकेंडरी पूरी करते करते उन्हें उनकी सही दिशा और लक्ष्य के अनुरूप विषय की दिलचस्पी समझ आ गई। उन्होंने रिस्क उठाया और लक्ष्य पर अडिग रहे। मानविकी लेकर ग्रेजयूशन किया और सिविल सर्विस की तैयारी शुरू करते हुए अपनी मंजिल हासिल कर ली। कठिनाई की राह में व्याख्याता पिता और परिवार का विश्वास व भरपूर सपोर्ट उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।

नारायणनपुर में अबूझमाड़ को समझकर कोरबा स्थानांतरित हुए कलेक्टर अजीत वसंत मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। बतौर कलेक्टर वे मुंगेली और नारायणपुर के बाद कोरबा की कमान संभालने जा रहे हैं। इससे पहले की सेवाओं की बात करें तो श्री वसंत राजनादगांव जिले के मानपुर-मोहला में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जांजगीर-चापा जिले में जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी, राज्य शासन के भौमिकी तथा खनि कार्य विभाग के संचालक, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला में अपर कलेक्टर तथा राजनांदगांव में जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी के रूप पदस्थ थे।

जब एसएसपी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठने का ऐलान किया।

साल 2015 जब अजीत वसंत एसडीएम थे, एक ऐसी घटना हुई, जिससे सारा देश उन्हें जान गया। वे पत्नी समेत मिथिला के अपने गांव अंधराठाथी से मधुबनी बस से जा रहे थे। इस बीच दरभंगा के पास उनका बैग से पार हो गया और बैग में रखे गहने चोरी हो गए। रिपोर्ट लिखने के बाद भी दरभंगा पुलिस ने जब सहयोग नहीं किया। इसके बाद उन्होंने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखा, पर वहां से निर्देश जारी होने के बाद भी पुलिस उदासीन रही घटना के 3 महीने बाद श्री बसंत ने एसएसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गए थे।