रायगढ़। इन दिनों बेरोजगार युवाओं का यही एक ख्वाब होता है कि बस उन्हें एक सरकारी नौकरी मिल जाए चाहे वह चपरासी का ही पद क्यों न हो। लेकिन वह भी आज के जमाने में बहुत मुश्किल है क्योंकि उसके लिए भी MBA और इंजीनियरिंग किये हुए युवा फॉर्म भर रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के एक युवक की किस्मत ऐसी चमकी कि उसकी दो सरकारी विभाग में नौकरी लग गई। लेकिन यही उसके जीवन की समस्या भी बन गई।
युवक रेलवे और लोक निर्माण विभाग में एक साथ नौकरी कर रहा था। आरोपी युवक ने रेलवे में काम करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया और PWD में सब इंजीनियर बन गया। चयन होने के बाद वह दोनों विभागों में छह साल तक नौकरी करता रहा। जब मामला सामने आया, तब उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। इस केस में फरार आरोपी ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
इस मामले की जानकारी के बाद जब शिकायत की गई तब उसने 2014 में रेलवे से इस्तीफा दे दिया। इधर, मामले का खुलासा होने के बाद उसके खिलाफ चक्रधर नगर थाने में धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया। केस दर्ज होने के बाद आरोपी युवक फरार हो गया। हाईकोर्ट ने केस डायरी और जांच रिपोर्ट में पाया कि उसने रेलवे से वर्ष 2014 में इस्तीफा दिया था, जबकि उसने वर्ष 2008 में ही PWD में जॉइन कर लिया था। इसके आधार पर हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।