नई दिल्ली। वाहनों के फिटनेस टेस्ट (Vehicles fitness testing rules) में होने वाली परेशानियों को देखते हुए सरकार अब नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है। नए नियमों के तहत वाहन मालिक अपनी गाड़ियों का किसी भी राज्य में रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे, फिर चाहे पंजीकरण किसी भी राज्य में क्यों न हुआ हो।
इसके अलावा सरकार ने वाहनों की समयसीमा खत्म होने या उन्हें सड़क पर दौड़ाने के अयोग्य घोषित करने के नियमों में भी बदलाव किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक बयान में ये जानकारी दी है।
2023 से वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस टैसटिंग करने की योजना
इस योजना के तहत नियामों में कई बदलाव किए गए हैं। इसमें ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों की मान्यता, लाइसेंसिंग और नियंत्रण से जुड़े नियम शर्तों को बदला गया है। इसके तहत फिटनेस टेस्टिंग स्टेशनों की स्थापना से जुड़े नियमों को आसान बनाया गया है।
फिटनेस टेस्ट के परिणामों को भी स्वचालित बनाया गया है, ताकि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी या हेरफेर की कोई गुंजाइश न रहे। फिटनेस टेस्ट में सीधे वाहनों की जांच के संकेतों को मशीन द्वारा पकड़ते हुए सर्वर तक भेजे जाएंगे।
नए नियम में एक राज्य में किसी वाहन का रजिस्ट्रेशन हुआ है तो यह अनिवार्य नहीं होगा कि वहीं वाहन की फिटनेस टेस्टिंग कराई जाए। वाहनों को अनफिट घोषित करने के नियम भी बदले गए हैं।
ATS अभी स्वचालित तरीके से किसी वाहन के फिटनेस की जांच के लिए कई मशीनों का इस्तेमाल करता है। इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए कई नए उपकरणों को शामिल किया गया है। टेस्ट रिजल्ट का नया फार्मेट जारी किया गया है, ताकि इसमें किसी वाहन मालिक को कोई परेशानी या आशंका न हो।