क्या पार्किंग के लिए मॉल वसूल सकते हैं पैसा? जानें हाई कोर्ट की टिप्पणी

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कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि प्रथम दृष्टया, उसकी यह राय है कि मॉल को पार्किंग शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है और कलामस्सेरी नगरपालिका से सवाल किया कि क्या उसने एर्नाकुलम में इसके लिए लुलू इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल को लाइसेंस जारी किया है? न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा. हालांकि, अदालत ने मॉल को पार्किंग शुल्क की वसूली रोकने को नहीं कहा, लेकिन कहा कि यह उनके जोखिम पर होगा. याचिका में कहा गया है कि मॉल ग्राहकों से अवैध रूप से पार्किंग शुल्क वसूल रहा है.

28 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘भवन नियमों के मुताबिक, किसी इमारत के निर्माण के लिए पर्याप्त स्थान जरूरी है. पार्किंग स्थल इमारत का हिस्सा है. इमारत के निर्माण के लिए अनुमति इस शर्त पर दी जाती है कि पार्किंग के लिए जगह होगी. क्या इमारत का मालिक पार्किंग शुल्क वसूलेगा, यह एक सवाल है? प्रथम दृष्टया मेरी राय है कि यह संभव नहीं है. अदालत ने नगर निकाय को इस मुद्दे पर अपने रुख के बारे में एक बयान दाखिल करने को कहा और विषय की सुनवाई 28 जनवरी के लिए निर्धारित कर दी.

पॉली वडक्कन ने पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए किया था कोर्ट की तरफ रुख
बता दें कि याचिकाकर्ता एवं फिल्म निर्देशक पॉली वडक्कन ने पिछले साल दो दिसंबर को मॉल द्वारा उनसे पार्किंग शुल्क के तौर पर 20 रुपये वसूले जाने के बाद उच्च न्यायालय का रुख किया था.