रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले 7 दिनों से चल रही तहसीलदारों की हड़ताल स्थगित हो गई है। राज्य शासन की ओर से राजस्व कोर्ट को सुरक्षा देने के आदेश के बाद शुक्रवार को तहसीलदारों ने यह फैसला लिया है। इससे पहले इस संबंध में अधिवक्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में एक PIL भी दाखिल की गई थी। इसमें तहसीलदारों की हड़ताल को अवैधानिक बताया गया है। वहीं तहसीलदारों और वकीलों के बीच अब भ्रष्टाचार के मुद्दे पर टकराव बढ़ गया है। इसे लेकर बिलासपुर में अधिवक्ता सड़क पर उतर आए हैं।
बता दें कि वकीलों से बढ़ते टकराव के बीच तहसीलदारों ने शासन से राजस्व कोर्ट को सुरक्षा दिए जाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद अवर सचिव शासन विजय कुमार चौधरी की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर को एक आदेश जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने 15 फरवरी को एक ज्ञापन सौंप सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। इसे सुनिश्चित कर अवगत कराएं।
वकील बोले- तहसीलदारों की संपत्ति की जांच हो
वहीं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अब वकीलों और तहसीलदारों में टकराव बढ़ गया है। रायगढ़ में पहले वकीलों ने भ्रष्टाचार का पुतला कोर्ट के बाहर खड़ा कर जूते मारे। इसके बाद कोरबा में प्रशासनिक संघ ने वकीलों पर ही अवैध उगाही करने का आरोप लगा दिया। इसकी आग अब बिलासपुर तक पहुंच गई है। अधिवक्ताओं ने तहसीलदारों की संपत्ति की जांच कराने को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इसे लेकर कोर्ट के बाहर उनका प्रदर्शन शुरू हो गया है।
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