ठाकरे को धमकी, मायावती को कहा था गुंडी…जानिए कौन हैं यौन उत्पीड़न से सुर्खियों में आए बीजेपी MP बृजभूषण

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रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सुर्खियों में हैं. उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसे देश के नामी पहलवान न्याय की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि बृजभूषण सिंह को पद से हटाया जाए. साल 1956 में आठ जनवरी के दिन गोंडा के विश्नोहरपुर में जन्में बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती और पहलवानी के शौकीन हैं. बृजभूषण सिंह कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष होने के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद भी हैं. वह पूर्वांचल के बड़े नेता हैं.

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक ठाकुर बृजभूषण शरण सिंह छह बार सांसद हैं और उन्होंने गोंडा कैसरगंज और बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने इनमें से पांच में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की. 2009 के चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा पहुंचे थे. हालांकि वह ज्यादा दिन सपा में नहीं रहे और बीजेपी का दामन थाम लिए.

बृजभूषण सिंह के एक करीबी नेता ने कहा, वह कभी समाजवादी नहीं थे और विचारधारा ने उन्हें प्रेरित नहीं किया, इसलिए बीजेपी में लौट आए. बृजभूषण सिंह ने पहली बार 1991 में चुनाव लड़ा और 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कैसरगंज सीट से जीत हासिल की, जब उनका समाजवादी पार्टी के साथ एक छोटा कार्यकाल था. वह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए और 2014 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा के लिए चुने गए. उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह गोंडा जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं. उनके पुत्र प्रतीक भूषण गोंडा सदर से दो बार के विधायक हैं.

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले बृजभूषण सिंह अपने शुरुआती जीवन में पहलवान थे और 1980 के दशक में छात्र राजनीति में शामिल हुए. अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय उनकी उग्र ‘हिंदुत्व छवि’ के कारण उन्हें प्रसिद्धि मिली. उनका राजनीतिक करियर 1980 में शुरू हुआ और 1988 में वह बीजेपी में शामिल हो गए. वह राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन में भी सक्रिय रहे. उन्होंने अपनी युवावस्था का अधिकांश समय अयोध्या के अखाड़ों में बिताया. बृजभूषण सिंह बाबरी विध्वंस मामले के अभियुक्तों में से एक थे जिन्हें बाद में अदालत ने बरी कर दिया था. उनका नाम उन 40 नेताओं की सूची में भी था जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे, जिनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल थे, जिन्हें 2020 में बरी कर दिया गया था.

राज ठाकरे को दी थी धमकी

बृजभूषण सिंह अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने अयोध्या में प्रवेश करने पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को सबक सिखाने की धमकी दी थी, ऐसे समय में जब ठाकरे की पार्टी और बीजेपी के बीच करीबी बढ़ रही थी. 2022 में बृजभूषण सिंह गोंडा जिले में बाढ़ के दौरान “घटिया व्यवस्था” के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सार्वजनिक रूप से आलोचना कर चुके हैं. उन्होंने कहा, मैंने अपने जीवन में कभी भी इस तरह की खराब व्यवस्था नहीं देखी. उन्होंने कहा कि उन्हें सच बोलने के लिए विद्रोही करार दिया जा सकता है.

चुनाव में मायावती को कह दिया था गुंडी

साल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले प्रचार में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर बृजभूषण शरण सिंह ने एक रैली में कहा था कि मायावती उत्तर प्रदेशकी गुंडी हैं. मायावती ने मुझे चुनाव के बाद जेल भेजने की धमकी दी थी. अब वह जेल जाएंगी. चुनाव होने के बाद उन्हें जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता है. बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया था कि मायावती ने यूपी को लूटने का काम किया है. चुनाव अभियान के दौरान ही बसपा ऑफिस में तोड़फोड़ हुई थी. जिस पर बसपा प्रमुख मायावती ने गोंडा में आयोजित एक रैली में बीजेपी प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह को गुंडा बताया था और बसपा कार्यालय में हमले के लिए बृजभूषण को जिम्मेदार ठहराया था.