Saturday, July 27, 2024
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भू-विस्थापितों ने घेरा एसईसीएल के सीएमडी का दफ्तर, बातचीत से रास्ता निकालने पहुंचे आंदोलन से सहमे अफसर

0 छग किसान सभा व भूविस्थापित रोजगार एकता संघ की अगुआई में बिलासपुर मुख्यालय में प्रभावित गांव के लोगों ने घंटों किया प्रदर्शन, सीएमडी के नाम ज्ञापन में 11 सितंबर को कुसमुंडा के पास कोयले की आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी

 

कोरबा। खेत-जमीन और मकान खोकर भी एसईसीएल के भूविस्थापित आज भी बेसहारा जीवन जीने विवश हैं। खदान की ब्लास्टिंग सुनने की क्षमता खो चुके इन किसानों, बेरोजगारों और ग्रामीण अपने हक की आवाज बुलंद करते हुए बिलासपुर जाकर प्रबंधन के कानों तक गूंज पहुंचाई। यहां उन्होंने सीएमडी के दफ्तर का घेराव कर दिया और जमकर विरोध प्रदर्शित किया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों से भी बहस हुई और भीतर नहीं जाने देने पर वे द्वार बंद कर वहीं धरने पर बैठ गए। इस आंदोलन से घबराए एसईसीएल के अफसर आखिर दफ्तर छोड़कर बाहर आए और बीतचीत से रास्ता निकालने की कोशिश की। मांगों पर माकूल जवाब न मिलने पर प्रभावितों ने सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर 11 सितंबर को कुसमुंडा के पास कोयले की आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी है।

रोजगार,बसावट और जमीन वापसी की मांग को लेकर किसान सभा ने एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में सीएमडी कार्यालय का किया घेराव कर दिया। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ से जुड़े भूविस्थापितों ने लंबित रोजगार प्रकरणों,जमीन वापसी,पट्टा,बसावट एवं प्रभावित गांव की समस्याओं से बिलासपुर के अधिकारियों को अवगत कराने के लिए मिलने गए जहां एसईसीएल में तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा भू विस्थापितों को अधिकारियों से मिलने से रोकने पर भू विस्थापितों और सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों के बीच काफी नोकझोंक हो गई जिसके बाद सीएमडी आॅफिस बिलासपुर मुख्यालय के मुख्य द्वार को बंद करते हुए भूविस्थापित मुख्यालय के सामने धरने पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करते हुए जमीन के बदले रोजगार,किसानों की जमीन वापसी,बसावट एवं भू विस्थापितों की अन्य मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान एक घंटे तक सीएमडी आॅफिस में काफी तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। उच्च अधिकारियों के काफी समझाइस के बाद प्रदर्शन कर रहे भूविस्थापित चर्चा के लिए राजी हुए। रोजगार व लंबित रोजगार प्रकरणों के शीघ्र निपटारे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भूविस्थापितों का सब्र टूटता जा रहा है। डायरेक्टर प्रर्सनल के कांफ्रेंस हाल में भू विस्थापितों के समस्याओं को लेकर बैठक हुई। जिसमें बिलासपुर मुख्यालय से पीएंडआईआर महाप्रबंधक अनूप कुमार संतोषी,एलएंडआर महाप्रबंधक शरद तिवारी, मेन पवार जीएम शशि किरण के साथ अन्य अधिकारी और किसान सभा प्रतिनिधि मंडल की ओर से माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,जय कौशिक, भू विस्थापित संघ से रेशम यादव,दामोदर श्याम,शिवदयाल कंवर,बसंत चौहान,पवन यादव,बृजमोहन उपस्थित थे। बैठक में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर ने एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, कोरबा सभी क्षेत्रों के भू विस्थापितों के लंबित रोजगार,जमीन वापसी,पट्टा,बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभुत समस्याओं की ओर अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए पिछले बैठक में दिए गए आश्वाशन पर क्षेत्रीय महाप्रबंधकों द्वारा सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगाया और भू विस्थापितों की समस्याओं का जल्द निराकरण की मांग की जिस पर बिलासपुर के अधिकारियों ने रोजगार के मामले में सात दिवस में कार्यवाही तेज करने के साथ सभी मांगों पर जल्द निराकरण और अर्जन के बाद जन्म वाले रोजगार प्रकरणों को जल्द बोर्ड में रखने की बात सभी अधिकारियों ने कहा जिसपर माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने अधिकारियों से कहा कि आश्वाशन पर भरोसा नहीं है एसईसीएल को कार्य धरातल पर करते हुए कार्यों का रिजल्ट दिखाना होगा हर बार आंदोलन के बाद झूठा आश्वाशन प्रबंधन देता है जब तक निर्णायक निर्णय भू विस्थापितों के पक्ष में नहीं होगा तब तक आंदोलन चलता रहेगा बैठक 2 घंटे चली भू विस्थापितों को प्रबंधन की बातों पर भरोसा नहीं है इसलिए किसान सभा ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग पूरी नहीं होने पर 11 सितंबर को कुसमुंडा के पास कोयले की आर्थिक नाकेबंदी चक्काजाम आंदोलन की चेतावनी भी बिलासपुर के अधिकारियों को दी है।

गांवों को पूर्णविकसित मॉडल समेत 11 मांगें

भूविस्थापितों ने विजयनगर, नेहरु नगर, गंगानगर, समेत सभी पुनर्वास गांव को पूर्ण विकसित माडल गांव बनाने समेत 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। इसके अलावा वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण का निराकरण कर जिनकी भी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हें बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए। पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी कराई जाए। कोरबा, कुसमुंडा एवं अन्य क्षेत्र में अर्जित जमीन मूल खातेदारों को वापस किया जाए और जरूरत होने पर पुन: अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार भू विस्थापितों को लाभ दिलाया जाए। अर्जित गांव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाए। आउट सोर्सिंग कार्यों में भू विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिलाओं को स्व रोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापितों को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए।

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