मुंबई। आंगडिया उगाही केस में सीआईयू ने डीसीपी सौरभ त्रिपाठी(DCP Saurabh Tripathi ) के नौकर पप्पू कुमार गौड़ को शनिवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया। आरोप है कि मुंबई(Mumbai) से उगाही गई रकम हवाला से गौड़ के पास लखनऊ पहुंचती थी। सौरभ त्रिपाठी साल, 2010 के बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, गौड़ के बारे में पता चला है कि वह सौरभ त्रिपाठी के आईपीएस बनने के पहले से, करीब 15 साल से उनके यहां नौकर है। सीआईयू ने त्रिपाठी और गौड़ के मोबाइल नंबरों के सीडीआर निकाले हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, हमारे पास डीसीपी त्रिपाठी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिससे यह साबित होता है कि वह उगाही के रैकेट में और उगाही की रकम को हवाला से भेजने के नेटवर्क में गहरे तक शामिल थे।
करप्शन के केस में यूं तो बहुत से पुलिस वाले पकड़े जाते हैं, लेकिन किसी पुलिस वाले के हवाला से उगाही की रकम भेजने की कहानी पहली बार सामने आई।
रिटायर्ड आईजी राजेश पांडे का कहना है कि उन्हें कई सूत्रों से पता चला है कि अब कई पुलिस वाले इन दिनों गूगल-पे से भी रिश्वत ले रहे हैं। पांडे के अनुसार, अवैध शराब के कारोबार या मिलावटी सामान भेजने वालों के टैंकर या टैंपों जब बीच रास्ते में हाइवे पर पकड़े जाते हैं, तो जब कई बार पुलिस उनसे रिश्वत मांगती है, तो वह कहते हैं कि मुझे तो मालिक ने कैश दिया नहीं, आप चाहें, तो गूगल-पे से पेमेंट ले लो। पुलिस वाले सामने वाले के कपड़ों की तलाशी लेते हैं, कई बार कैश वाकई नहीं मिलता है।
रिश्वत की रकम गूगल-पे करवा ली जाती है
विकल्प के रूप में कुछ पुलिस वालों ने कई हवाला कारोबारियों से उनके अकाउंट नंबर और सिम कार्ड ले लिए हैं। सिम कार्ड को एक दूसरे मोबाइल सेट में डाल दिया जाता है। उसी नंबर पर रिश्वत की रकम गूगल-पे करवा ली जाती है। रकम हवाला कारोबारी के अकाउंट नंबर में जाती है। बाद में हवाला कारोबारी पुलिस को यह रकम कैश में दे देता है। कुछ समय पहले बरेली के नवाबगंज इलाके में एक ट्रक ड्राइवर ने गूगल-पे से पुलिस को पेमेंट कर दिया। बाद में पीलीभीत में भी वहां की पुलिस ने जब वह ट्रक रोका और जब उस ट्रक ड्राइवर से रिश्वत मांगी, तो उसने कहा कि कुछ देर पहले मैंने बरेली में पुलिस वालों को गूगल-पे किया है, आपको भी मैं गूगल-पे कर देता हूं। तब पीलीभीत पुलिस वालों ने सबूत दिखाने को कहा। ट्रक ड्राइवर ने बरेली पुलिस को किए गूगल-पे का स्क्रीन शॉट भेज दिया। लेकिन पीलीभीत पुलिस ने खुद गूगल-पे से रिश्वत लेने से मना कर दिया। सिर्फ कैश में ही रिश्वत देने को कहा।
मुंबई के डीसीपी सौरभ त्रिपाठी जिस केस में आरोपी बनाए गए हैं, आरोप है कि उनके दस्ते के तीन इंस्पेक्टरों नितिन कदम, समाधान जमदाडे और ओम वानगाते ने दिसंबर, 2021 के प्रथम सप्ताह में डीसीपी के कहने पर 19 लाख रुपये मुंबादेवी बीट चौकी में आंगड़िया के बिजनेस से जुड़े अलग-अलग लोगों से वसूले और फिर उस रकम में से काफी रुपये लखनऊ में डीसीपी के पारिवारिक नौकर पप्पू कुमार गौड़ तक पहुंचाया गया।