नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कोयला परिवहन घोटाला मामले में सालभर से जेल में निरुद्ध सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक लाख रुपया का जुर्माना भी लगाया।
जानकारी के अनुसार, सौम्या चौरसिया के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में ईडी की कार्यवाही के विधिक अधिकारों को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में पेश याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता महिला है, और उसके छोटे बच्चे हैं। मामले की सुनवाई में लंबा समय लगना है, इसलिए उसे ज़मानत दी जाए। इसके पहले हाईकोर्ट सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर चुका है।
बता दें कि भूपेश सरकार में सौम्या चौरसिया की गिनती सबसे ताक़तवर अधिकारी रही हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया भूपेश बघेल सरकार में सीएम सचिवालय में उप सचिव पद पर पदस्थ थीं। कोल परिवहन घोटाला के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से लगातार सेंट्रल जेल रायपुर में निरुद्ध है।
सौम्या चौरसिया पर क्या हैंआरोप
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कोयला ट्रांसपोर्टिग में 25 रुपए टन की लेव्ही वसूली की जाती थी। लेकिन, भूपेश बघेल सरकार ने लेव्ही वसूली के लिए नियमों को परिवर्तित किया गया था। इसका फायदा माफिया ने उठाया, जिसका किंगपिन सूर्यकांत तिवारी था, ईडी के अनुसार, सूर्यकांत तिवारी को यह असीमित शक्ति और प्रभाव भूपेश बघेल सरकार की ताकतवर अधिकारी सौम्या चौरसिया से हासिल होते थे।
पांच सौ करोड़ का स्कैम में ये आरोपी गिरफ्तार
ईडी ने मामले में सौम्या चौरसिया के अलावा सूर्यकांत तिवारी, कोल वाशरी संचालक सुनील अग्रवाल, आईएएस समीर बिश्नोई, आईएएस रानू साहू, समेत अन्य को अलग-अलग तारीख़ों पर गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि यह स्कैम क़रीब पांच सौ करोड़ रुपए का था।