नई दिल्ली। देश में शहरी बेरोजगारी का आंकड़ा पांच साल के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसद रह गई है। सभी तिमाहियों के लिए शहरी बेरोजगारी दर 2018-19 के बाद से 2022-23 में सबसे कम रही।
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन कार्यालय (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.2 फीसद थी। बेरोजगारी दर पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा थी। इसका मुख्य कारण देश में कोविड संबंधित बाधाएं थीं।
सर्वेक्षण के अनुसार, बेरोजगारी दर पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 फीसद थी। वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 फीसद थी। निश्चित अवधि पर होने वाले 18वें श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल- जून 2022 में 7.6 फीसद थी।
0.श्रम बल दर में उछाल
नौकरियों में यह सकारात्मक रुझान श्रम बल भागीदारी दर बढ़ने की वजह से आया है। सभी तिमाहियों के लिए 2022-23 में यह दर सबसे अधिक रही। इसका मतलब यह है कि 2022-23 में भारत की शहरी आबादी ने रिकॉर्ड अनुपात में नौकरी मांगी और उन्हें रोजगार मिला।
0.महिला रोजगार भी बढ़े
आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में महिलाओं में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 में घटकर 9.2 फीसद पर आ गई, जो एक साल पहले 10.1 फीसद थी। वहीं, पुरुषों में यह दर इस साल पहली तिमाही में कम होकर छह फीसद रही, जो एक साल 7.7 फीसद थी।
इन कारणों से आई कमी
1. शुरुआती स्तर की नौकरियों में तेजी से वृद्धि हुई।
2. स्टार्टअप और फिनटेक का छोटे शहरों तक विस्तार।
3. घर से काम करने की छूट से महिलाए आगे आ रहीं।
4. ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का तेज प्रसार।