The Duniyadari: गरियाबंद– जिले के हरदी जंगल में वन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला और बंधक बनाए जाने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। अतिक्रमण हटाने पहुंचे वनकर्मियों पर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ियों से हमला किया गया, फिर उन्हें दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी वनकर्मियों को सुरक्षित छुड़ाया।
अतिक्रमण हटाने गई थी वन विभाग की टीम
मामला सड़क परसूली रेंज के सोहागपुर बिट स्थित हरदी जंगल का है। वन विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ लोग जेसीबी मशीन से वन भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। इस पर डिप्टी रेंजर अशोक सिन्हा के नेतृत्व में हरि अर्जुन यादव, जाकिर हुसैन सिद्दीकी समेत पांच वनकर्मियों की टीम तड़के 4 बजे मौके पर कार्रवाई के लिए पहुंची।
महिलाओं को आगे कर किया हमला
जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाने की कोशिश शुरू की, अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं को ढाल बनाकर हमला शुरू कर दिया। टीम पर डंडों, टंगिया (कुल्हाड़ी) और लाठियों से हमला किया गया और सभी वनकर्मियों को बंधक बना लिया गया।
पुलिस ने सुबह 5 बजे किया रेस्क्यू
वनकर्मियों के परिजनों द्वारा दी गई सूचना पर कोतवाली थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव बल के साथ मौके पर पहुंचे और सुबह 5 बजे सभी वनकर्मियों को छुड़ाया गया। सभी घायल कर्मचारियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रेंजर ने की घटना की पुष्टि
रेंजर दुर्गा प्रसाद दीक्षित ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “हमें अतिक्रमण की सूचना तो थी, लेकिन टीम पर ऐसे हिंसक हमले की उम्मीद नहीं थी। दो घंटे तक हमारी टीम बंधक रही। यह पूरी तरह सुनियोजित हमला लगता है।”
आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
हमले के बाद से अतिक्रमणकारी फरार हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है। घटना ने वन विभाग की सुरक्षा और अतिक्रमण रोकथाम को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस हमले ने यह दिखा दिया है कि जंगलों में अतिक्रमण करने वाले अब न सिर्फ कानून को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि सरकारी अमले की जान पर भी खतरा बन चुके हैं।