✍️ सतीश अग्रवाल
बिलासपुर- आटा चक्की, हॉलर मिल और मसाला पीसने वाली इकाइयों सहित एक्सपेलर मिल संचालन के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जांच के दौरान यह जरूरी औपचारिकता नहीं मिली, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दीपावली की तैयारियां घरों और बाजार में शुरू हो चली है। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के पास मांग पहुंच रही है। ऐसे क्षेत्रों में आटा चक्की, हॉलर मिल, मसाला पीसने और तेल पिराई करने वाली छोटी इकाइयों में काम बढ़ चला है, लेकिन अरसे से मिल रही शिकायतों के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने पहली बार इन्हें भी नियमों के दायरे में लेने की ठान ली है। पहला नियम, रजिस्ट्रेशन करवाना, तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है।
इसलिए आटा चक्की
आटा चक्कियां। गली-मोहल्लों में चलती हैं। खाद्य सामग्रियों की मानक गुणवत्ता बरकरार रहे,
इसके लिए संचालकों के पास ना उपाय हैं, ना ध्यान। अस्वच्छता चारों कोनों में पसरी रहतींं हैं। काम करने वाली मशीनों की नियमित सफाई को लेकर भी कभी गंभीरता नहीं दिखाई जाती। इसके अलावा काम करने वालों को सुरक्षा के लिए जो साधन दिए जाने हैं, उसके परिपालन को लेकर भी संचालक लापरवाह बने हुए हैं।
बेतहाशा गंदगी
एक्सपेलर। तेल पिराई करने वाली छोटी यूनिटों में जैसी गंदगी दिखाई दे रही है, उसकी मिसाल शायद ही कहीं मिले। तिलहन की किस्में बदलने के बाद मशीन की सफाई करना है लेकिन यह काम कभी होता नहीं। इससे तेल की मानक गुणवत्ता प्रभावित होती है। हद तो तब, जब एक ही मशीन में खाद्य और अखाद्य तेल निकाले जाते हैं। जैसे सोयाबीन और सरसो, नीम और अलसी का तेल।
गंदगी टॉप पर
हॉलर मिलें। शहरों की बजाय अब ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा नजर आते हैं। एक ही जगह कोढ़ा और चावल निकाले जाने की प्रक्रिया स्वास्थ्यगत परेशानी की बड़ी वजह बन रही है। कई चेतावनी और सलाह के बाद भी, यह क्षेत्र ना तो ध्यान दे रहा है, ना सलाह मान रहा है। लिहाजा सख्ती इस क्षेत्र पर कुछ ज्यादा ही दिखाई दे सकती है। सावधान रहें, नियमों का पालन करें हॉलर मिलें। अन्यथा गंभीर परिणाम होंगे।
रजिस्ट्रेशन इन्हें भी
मसाला पीसने वाली यूनिटें। अपेक्षाकृत ठीक मानी जा रही हैं लेकिन गुणवत्ता बनाए रखने के उपाय को लेकर जैसी लापरवाही यहां देखने को मिल रहीं है, उससे खाद्य एवं औषधि प्रशासन खासा नाराज है। मास्क, ग्लव्स, हेड कैप और गम बूट कार्यरत कर्मचारियों को दिया जाना अनिवार्य है लेकिन जिस तरह इससे बचा जा रहा है, उसे लेकर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की ठान ली है। इसलिए बाजार की इस महत्वपूर्ण कड़ी को भी नियमों से बांधा जा रहा है।
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