एसआईटी जांच में खुलासा : पुलिस भर्ती में आरक्षक ने अभ्यर्थियों से लिए थे पैसे

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The Duniyadari: राजनांदगांव- आरक्षक भर्ती मामले में संदिग्ध रहे पुलिस आरक्षक अनिल रत्नाकर द्वारा आत्महत्या मामले में अब एसआईटी की रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक मृतक आरक्षक इस पूरी गड़बड़ी में शामिल था और उसने अभ्यर्थियों से अंक बढ़ाने के एवज में पैसे लिए थे। उसके द्वारा लगाए गए बड़े अफसरों पर आरोप भी निराधार पाए गए। इसके अलावा उसकी मौत भी आत्महत्या होना ही पाया गया।

उल्लेखनीय है कि, 17 दिसंबर को आरक्षक भर्ती मामले में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद ही संदिग्ध लोगों की सूची तैयार की गई थी।

इस सूची में शामिल आरक्षक अनिल रत्नाकर ने फांसी लगाकर आंत्महत्या कर ली थी। उसने अपने हाथ में एक सुसाईडल नोट भी लिखा था।

जिसके बाद जांच के लिए आईजी दीपक झा ने एसआईटी का गठन किया था। समुचित जांच के लिए देवचरण पटेल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के नेतृत्व में 4 सदस्यीय विशेष जांच टीम का गठन 22 दिसंबर को किया गया था। विशेष जांच टीम द्वारा अंतरिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।

अधिकारियों के शामिल होने के सबूत नहीं

पुलिस विभाग के मुताबिक, एसआईटी द्वारा अब तक की जांच में उपलब्ध तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, बैंक स्टेटमेंट गवाहों के कथनों से किसी भी वरिष्ठ अधिकारी का भर्ती प्रक्रिया की गड़बड़ी में शामिल होने के साक्ष्य नहीं पाया गया है।

मामले में विशेष जांच टीम द्वारा जांच में 42 गवाहों का कथनों, तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, बैंक स्टेटमेंट का विश्लेषण किया गया है।

जांच पर यह पाया गया कि मृतक अनिल रत्नाकर द्वारा अभ्यर्थियों के नंबर में हेरफेर किया गया है।