कड़ाके की ठंड का असर: स्कूलों की दिनचर्या बदली, बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क

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The Duniyadari : दुर्ग। जिले में लगातार गिरते तापमान और शीतलहर की तीव्रता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाया है। कलेक्टर अभिजीत सिंह के निर्देश पर जिले के सभी स्कूलों के संचालन समय में अस्थायी परिवर्तन किया गया है। यह व्यवस्था 15 जनवरी 2026 तक लागू रहेगी और सरकारी, निजी व अनुदान प्राप्त सभी शिक्षण संस्थानों पर प्रभावी होगी।

पिछले कुछ दिनों से सुबह के समय ठंड का प्रकोप बढ़ने के कारण स्कूली बच्चों को आवागमन में परेशानी हो रही थी। अभिभावकों और शिक्षकों की चिंताओं के साथ-साथ मौसम विभाग की चेतावनी और स्वास्थ्य विभाग की सलाह को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। उद्देश्य साफ है—बच्चों को अत्यधिक ठंड और शीतलहर से सुरक्षित रखना।

नई व्यवस्था के तहत कक्षाओं का संचालन अब इस तरह किया गया है कि छोटे बच्चों को सुबह की तेज ठंड में बाहर न निकलना पड़े, वहीं बड़ी कक्षाओं की पढ़ाई दिन के अपेक्षाकृत गर्म समय में कराई जा सके। शनिवार के लिए भी समय में आवश्यक समायोजन किया गया है, ताकि ठंड के प्रभाव को कम किया जा सके।

कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि यह फैसला पूरी तरह जनहित और बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से भी अपेक्षा की है कि ठंड की स्थिति को देखते हुए उपस्थिति को लेकर व्यवहारिक रवैया अपनाया जाए।

इधर, ठंड से राहत के लिए दुर्ग नगर निगम ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार और रैन बसेरों में अलाव की व्यवस्था की गई है। रैन बसेरों में जरूरतमंदों के लिए कंबल, गर्म पानी और भोजन की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।

प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाकर ही स्कूल भेजें, विशेषकर छोटे बच्चों को टोपी, मफलर और मोजे अवश्य पहनाएं। ठंड के इस दौर में सावधानी ही सुरक्षा का सबसे बड़ा उपाय है।