बलौदा बाजार- बेतहाशा शिकायतों के बाद पहली बार ऑटो पार्ट्स दुकानों की कड़ी जांच की योजना बन रही है क्योंकि पहुंच रही शिकायतें न केवल गंभीर हैं बल्कि पूरी तरह गैर वाजिब हैं।
ऑटो पार्ट्स। एक ऐसा कारोबारी क्षेत्र, जिसका सीजन पूरे साल रहता है। पिछले कुछ माह से शिकायत मिल रहीं हैं कि सामान और सामान की पैकिंग पर कंपनियों द्वारा लगाए गए एम आर पी के स्टीकर के ऊपर संस्थानें अपना स्टीकर लगाकर निर्धारित से ज्यादा कीमत पर विक्रय कर रहीं हैं। प्रारंभिक जांच में इन शिकायतों को सही पाया गया है। लिहाजा जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने जांच और कार्रवाई की योजना बनाई है।
लगा रहे अपना स्टीकर
सामग्री जो भी हो। कंपनियां अपना एमआरपी स्टीकर लगातीं हैं या पैकिंग में रेट प्रिंट करतीं हैं। संस्थानें दोनों स्थितियों में अपना रेट स्टीकर लगा रहीं हैं, जो अधिकतम खुदरा विक्रय मूल्य से हमेशा ज्यादा ही होता है। जिला विधिक माप विज्ञान विभाग ने शिकायतों की पुष्टि के लिए जब जांच की तब इसे सही पाया। लिहाजा सघन जांच की योजना बन रही है।
एसेसरीज में भी…
दोपहिया या चार पहिया, या फिर भारी वाहन। सभी में सुरक्षा और सुंदरता के लिए एसेसरीज लगाए जाते हैं। पैक या प्लास्टिक के रैपर में मिलने वाली इन सामग्रियों में भी ऐसा ही खेल चल रहा है। सर्वाधिक शिकायत दोपहिया और चार पहिया वाहनों की एसेसरीज में सबसे ज्यादा मिल रही है। इसे बेहद गंभीर इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह उपभोक्ता वर्ग पूरे साल इन सामग्रियों की खरीदी करता है।
उपभोक्ताओं की यह गलती
शिकायतों के पीछे उपभोक्ताओं की गलतियां भी सामने आई हैं। ऐसे उपभोक्ताओं की भी संख्या बहुत ज्यादा है जो मैकेनिक या शोरूम में रिपेयर व एसेसरीज लगवाने के लिए गाड़ियां छोड़ देते हैं। काम होने के बाद एकमुश्त रकम, बिल देखकर चुकानी होती है। विभाग ने इसे गंभीर गलती माना है और कहा है कि सामान की खरीदी खुद करें और एमआरपी का स्टीकर जरूर देखें।
होगी सघन जांच
ऑटो पार्ट्स संस्थानों द्वारा स्टीकर के ऊपर अपना स्टीकर लगाने की शिकायतें मिल रहीं हैं। यह नियम विरुद्ध है। जिले में सघन जांच की योजना बनाई जा रही है। पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– दामोदर वर्मा, निरीक्षक, जिला विधिक माप विज्ञान (नाप-तौल) विभाग, बलौदा बाजार