कोयला एवं राखड़ परिवहन करने वाले 76 वाहनों पर बड़ी कार्रवाई

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The Duniyadari: रायपुर- परिवहन विभाग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुरक्षा और जनहित को लेकर विभाग किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा। इसी उद्देश्य को लेकर रायपुर में कोयला एवं राखड़ का खुले रूप में परिवहन कर रहे वाहनों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया गया, जिसमें कुल 76 वाहनों पर ₹73,600 की चालानी कार्रवाई की गई।

यह कार्रवाई रायपुर उड़नदस्ता टीम द्वारा परिवहन सचिव एवं आयुक्त एस. प्रकाश के निर्देश तथा अपर परिवहन आयुक्त डॉ. रविशंकर के मार्गदर्शन में की गई।

खुले मालवाहक वाहन बने थे पर्यावरणीय खतरा

रायपुर उड़नदस्ता टीम के प्रभारी सी.के. साहू ने बताया कि राजधानी के प्रमुख मार्गों पर कोयला एवं राखड़ ले जा रहे भारी वाहनों की बारीकी से जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि बड़ी संख्या में वाहन बिना तिरपाल (कवर) के सड़कों पर दौड़ रहे थे, जिससे राख व कोयले की धूल उड़कर आमजन को असुविधा हो रही थी और वातावरण भी प्रदूषित हो रहा था।

इस तरह की लापरवाही से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे कि सांस की बीमारियां, आंखो में जलन और स्किन एलर्जी जैसी शिकायतें भी बढ़ सकती हैं। इसके अलावा, सड़क पर उड़ती राख और कोयले के कारण दृश्यता प्रभावित होती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।

सख्त निर्देश एवं हिदायतें

इस अभियान में कुल 76 ऐसे वाहनों की पहचान की गई, जो परिवहन नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना तिरपाल के संचालन कर रहे थे। इन पर कुल ₹73,600 का जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही चालकों एवं परिवहन कंपनियों को सख्त हिदायत दी गई कि भविष्य में सभी वाहनों पर अनिवार्य रूप से तिरपाल लगाकर ही माल का परिवहन करें।

साथ ही, नो पार्किंग एरिया में अनुचित तरीके से खड़े वाहनों को भी चिह्नित कर चालकों को फटकार लगाई गई कि वे सड़कों पर यातायात में अवरोध उत्पन्न न करें। विभाग का यह भी कहना है कि इस तरह की दिशानिर्देशों की अवहेलना भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई का कारण बन सकती है।

लगातार होगी निगरानी, नहीं होगी ढिलाई

परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरणीय संरक्षण, सड़क पर आम लोगों की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए भविष्य में भी ऐसे विशेष अभियान चलाए जाएंगे। विभाग यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि कोयला, राखड़, गिट्टी जैसे खुले माल के परिवहन में लगे सभी वाहन नियमित रूप से कवर का उपयोग करें और मानकों का पालन करें।

परिवहन अधिकारियों का कहना है कि कई बार मालिकों व चालकों द्वारा लागत बचाने के उद्देश्य से तिरपाल का उपयोग नहीं किया जाता, परंतु यह व्यवहार लंबे समय में भारी सामाजिक और पर्यावरणीय कीमत चुका सकता है। इसलिए अब विभाग इस दिशा में ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपना रहा है।

जनहित में ठोस कदम

रायपुर उड़नदस्ता की इस कार्रवाई को न केवल प्रशंसनीय, बल्कि आवश्यक कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर जनता के स्वास्थ्य और सड़क सुरक्षा से जुड़ा विषय है। आम नागरिकों ने भी विभाग की इस पहल की सराहना करते हुए मांग की है कि इस तरह की निगरानी स्थायी रूप से जारी रहे।