कोरबा। कटघोरा को जिला बनाने की मांग को देखते हुए सीएम ने अपर और एडिशनल एसपी की पोस्टिंग की घोषणा की थी। सूबे के मुखिया की घोषणा के बाद अपर कलेक्टर की पोस्टिंग तो की गई लेकिन अब तक एडिशनल एसपी की नियुक्ति नही की गई है। इसका दुष्परिणाम स्थानीय नेताओं को आने चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के नेताओ ने भी शुरू कर दी है। सिटिंग एमएलए को टिकट तो आसानी से मिल जाएगी लेकिन जनता के बीच वोट मांगने में इस बार तीव्र विरोध का सामना करना पड़ेगा। दरअसल नदियां के पार यानी कटघोरा को जिला बनाने की मांग ने जोर पकड़ा और लंबे समय तक आंदोलन भी चला। जनता की मांग को देखते हुए सूबे के मुखिया ने कटघोरा में एडिशनल एसपी और अपर कलेक्टर के पदस्थापना की घोषणा कर दी। सीएम की घोषणा के बाद जिला बनाने की मांग करने वालों को तपती धूप में हल्की बारिश बूंदे मिली कि चलो आंदोलन हुआ तो कुछ तो प्रतिफल मिला। अब जब चुनाव पास है, घोषणा के बाद भी कटघोरा में एडिशनल एसपी की पोस्टिंग नही हुई है तो पाली-तानाखार और कटघोरा विधायक को हार का डर सताने लगा है।
अपर कलेक्टर की पोस्टिंग के बाद कटघोरा अनुविभाग में शामिल दूर दराज के लोगों को कटघोरा मुख्यालय में ही अतिरिक्त कलेक्टर कार्यालय होने से भटकना नहीं पड़ रहा है, पर एएसपी की पोस्टिंग नहीं होने से जिन मामलों का निपटारा एसडीओपी कार्यालय से नहीं हो पाता उसके लिए कोरबा में एसपी आफिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
सरकार की योजना में भले ही कटघोरा को जिला बनाए जाने सहमति नहीं बन पाई है पर अतिरिक्त कलेक्टर की पोस्टिंग से जनता को काफी राहत मिली है। स्थानीय नागरिको का कहना है कि अगर कटघोरा में एएसपी की पोस्टिंग करा दी जाए तो लोगों को काफी राहत मिलेगी और इससे प्रशासनिक कार्य भी आसान हो जाएगा।