गुरु नानक जयंती : देशभर में श्रद्धा और सेवा की गूंज गुरुद्वारों में कीर्तन, अखंड पाठ और लंगर से गूँज रहा वातावरण

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The Duniyadari : रायपुर । सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती आज पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। राजधानी दिल्ली सहित अमृतसर, पटना साहिब, नांदेड़ और देशभर के गुरुद्वारों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रभात फेरियों के बाद अखंड पाठ और शबद कीर्तन के साथ विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत हुई।

गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन से मानवता, समानता और भाईचारे का मार्ग दिखाया। उनके उपदेश—“नाम जपो, किरत करो और वंड छको”—आज भी समाज को प्रेरित करते हैं। श्रद्धालु लंगर सेवा में शामिल होकर आपसी सदभाव और सेवा भावना का संदेश दे रहे हैं।

गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी (अब पाकिस्तान के ननकाना साहिब) में हुआ था। उनके प्रकाश पर्व को गुरु पर्व या गुरु पूरब के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारों को खूबसूरती से सजाया गया है और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कई शहरों में नगर कीर्तन और श्रद्धालुओं की सहायता के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं।

आस्था और भक्ति से भरे इस दिन पर लोगों ने एक दूसरे को शांति, प्रेम और समृद्धि की शुभकामनाएँ देते हुए गुरु नानक देव जी के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।