श्रीहरिकोटा/नई दिल्ली। ISRO Mission Chandrayaan.3: चांद की धरती पर दो सप्ताह से अधिक समय तक नींद ले रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को एक्टिव करने के प्रयास शुरू किए जाएंगे। दरअसल, चंद्रमा के शिव शक्ति प्वाइंट पर बुधवार को सूर्याेदय हो गया है। यह जानकारी इसरो ने दी है। इसरो का कहना है कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के एक्टिव होने से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चल रहे अनुसंधान को लेकर अधिक अपडेट्स मिल सकती हैं। बता दें कि 4 सितंबर को इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को सुला दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो ने कहा कि 22 सितंबर को विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने की कोशिश की जाएगी, फिलहाल यह स्लीप मोड में हैं। बता दें शिव शक्ति उसी जगह का नाम है, जिस स्थान पर पिछले महीने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर लैंड किए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडिग प्लाइंट का शिव शक्ति नाम रखा था।
चंद्रमा पर होती है 14 के दिन की रात
बता दें कि चंद्रमा पर पृथ्वी के 14 के दिन की रात होती है। इस दौरान इसरो ने लैंडर और रोवर को सुला दिया था। अब इसरो का कहना है कि आज चंद्रमा पर फिर से सूर्योदय हो गया है। ऐसे में अब इसरो प्रयास करेगा कि विक्रम और प्रज्ञान रोवर को नींद से जगाया जाए। अगर इसरो अपने इस मिशन में कामयाब हो जाता है, तो यह उल्लेखनीय इंजीनियरिंग उपलब्धि होगी। इसके साथ ही यह चांद की सतह पर प्रयोग करने के अधिक अवसर प्रदान करेगा।
23 सितंबर को चंद्रमा पर उतरा था विक्रम लैंडर
बता दें कि विक्रम 23 सितंबर को चंद्रमा पर उतरा, तो शिव शक्ति लैंडिंग स्थल पर पहले ही सूर्योदय हो चुका था, जिससे 8.75 डिग्री की ऊंचाई के साथ इष्टतम स्थिति उपलब्ध थी। बता दें कि विक्रम और प्रज्ञान को काम करने के लिए सूर्य की ऊंचाई का एक विशिष्ट एंगल 6 से 9 डिग्री के बीच बनाए रखना जरूरी है। तभी यह सुचारु रुप से काम कर सकता है। हालांकि लैंडर और रोवर को तभी जगाया जा सकता है, जब उन्होंने अपनी बैट्री बचाकर रखी हो।