The Duniyadari: रायपुर- शिक्षा विभाग बिगड़े सांड की तरह हो गया है जो किसे के भी काबू में नहीं आ रहा है। युक्तियुक्त करण के नाम पर किसी को भी कही खदेड़ा जा रहा है तो निलंबित शिक्षिका की मात्र चार माह में बहाली कर दी जी रही है। स्कूल की व्यवस्था को पूरी तरह बिगाड़ने का खेल शिक्षा विभाग में चल रहा है।
शिक्षा विभाग में सरकार की बनाई नीति 2008 का खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षकिवहीन और शिक्षक अतिशेष में भी अंतर नहीं कर पा रहे है। छत्तीसगढ़ शिक्षा अधिनियम 2008 के तहत अमलीडीह स्कूल में 500 बच्चों के मान से 2008 में 22 शिक्षकों देने की मंजूरी दी गई थी।
अब इस स्कूल में 551 बच्चे अध्यनरत है और वहां मात्र 11 शिक्षक अध्यापन करा रहे थे उनमें से फिर से 3 शिक्षकों को युक्तियुक्त करण के नाम पर अतिशेष दिखाकर ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं दानी स्कूल में 800 बच्चों में 50 शिक्षक कार्यरत है।
शिक्षा विभाग में व्याप्त असमानता पर शिक्षाविदों ने कोई युक्तियुक्त हल या समाधान ढूंढने के बजाय उस गड्ढे को खाई में तब्दील कर दिया गया है जिसका समाधान न तो शिक्षा मंत्रालय ढूंढ रहा है और न ही वहां बैठे अधिकारी ढूंढ रहे है। शिक्षा विभाग में अविभाजित मध्यप्रदेश में भी छत्तीसगढ़ की स्थिति बदहाल थी और राज्य बनने के बाद भी छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग में कोई अमूलचूल परिवर्तन नहीं हो पाया।
इसके पीछे कारण यही है कि जो भी शिक्षा विभाग के कर्ताधर्ता रहे अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए शिक्षा विभाग दुरूपयोग करते रहे । जिसका परिणाम यह हुआ कि आधे शिक्षक राजनेता हो गए या पढ़ाई कराना ही चोड़ कर नेता गिरी में चक्कर में एक ही स्कूल में पदस्थ होकर वहां से सेवानिवृत्त् हो गए ।
जिसके कारण प्रदेश के सभी स्कूलों में अंगदों का वर्चस्व रहा जो आज तक वैसे ही चल रहा है। अधिकारी यानी शिक्षा विभाग के स्वयंभू प्रशासक हो जाते है। वो किसी की सुनते ही नहीं चाहे स्कूलों की व्यवस्था बिगड़े या सुधरे वो अपने ढर्रे से बाहर आना ही नहीं चाहते है।
एक बानगी अमलीडीह पर नजर डालिए
सरकार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अम्लीडीह रायपुर में 551 विद्यार्थी कुल 11 कक्षाओं में अध्यनरत है. वर्तमान में 12 व्याख्याता में से तीन व्याख्याता को हटाने के बाद शेष बचे 09 व्याख्याता से कुल 60 पीरियड संचालित किया जाना है. यदि सभी व्याख्याताओं को 5-6 पीरियड भी दिये जाते हैं तो भी 09 व्याख्याता से 60 पीरियड्स का अध्यापन करना कैसे संभव होगा? शिक्षक जिस दिन अवकाश लेंगे उसे दिन अध्यापन व्यवस्था कैसे होगी?
यदि प्रत्येक व्याख्याता से चार पीरियड पढ़ाये जाए तो भी 60 पीरियड पढ़ाने के लिए कम से कम 15 व्याख्याताओं की विद्यालय में दर्ज संख्या के हिसाब से आवश्यकता है। क्या युक्तियुक्तकरण करते समय विद्यालय में दर्ज संख्या के लिए कोई भी पैमाना नहीं है. ऐसा तो संभव ही नहीं हो सकता है.
उदाहरण के लिए शासकीय प्यारेलाल हिंदू शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रायपुर में 127 दर्ज संख्या के लिए प्रत्येक विषय के दो-दो व्याख्याता कार्यरत है. स्कूल में कुल व्याख्याताओं की संख्या 23 है।
शिक्षिका चित्ररेखा बंजारे के नवंबर 2023 में निलंबित होने के पश्चात विद्यालय में हिंदी का एक भी व्याख्या था कार्यरत नहीं है. लेकिन युक्तियुक्तकरण करते समय हिंदी का व्याख्याता विद्यालय में रिक्त ही नहीं दिखाया जा रहा है। इसी तरह 13 जून 2024 को दिनेश कुमार साहू के कोंडागांव स्थानांतरण के पश्चात गणित की एकमात्र व्याख्याता श्रीमती कोमल बघेल कार्यरत थी. जिन्हें युक्तियुक्तकरण में नाम शामिल करते हुए अतिशेष दिखाया जा रहा है। 2008 का नियम बना था लेकिन अभी तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमलीडीह रायपुर में इम्प्लिमेंट नहीं हुआ। सत्र 1) 2023 -24 सत्र 2)2024-25 में शिक्षकों की लगातार कमी की जा रही है। सत्र 2023-24 में प्रतिमा अगलावे व्याख्याता LB (जीवविज्ञान) को 1 जून 2023 को उत्कृष्ट विद्यालय लालपुर के लिए स्थानांतरित किया गया है। चित्ररेखा बंजारे व्याख्याता (हिंदी) निलंबन पश्चात 15 मार्च 2024 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमलीडीह से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मठपारा स्कूल में स्थानांतरण. दिनेश कुमार साहू व्याख्याता LB (गणित) को 13 जून 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी के विकल्प पर कोंडागांव स्थानांतरण हेतु कार्य मुक्त किया गया। आर. जी. चतुर्वेदी व्याख्याता (अंग्रेजी) 30 अप्रैल 2024 को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने के कारण सेवानिवृत्ति किए गए हैं। गजानन देवांगन व्याख्याता (वाणिज्य) दिनांक 30 जून 2024 को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण करने के कारण सेवानिवृत हो गए हैं। युक्तियुक्तकरण के नाम पर अतिशेष घोषित वहीं शिक्षा सत्र 2024-25 में दिव्या शर्मा व्याख्याता LB (वाणिज्य) को युक्तियुक्तकरण के नाम पर अतिशेष घोषित किया गया है। वंदना साहू व्याख्याता LB (वाणिज्य) को युक्तियुक्तकरण के नाम पर अतिशेष घोषित किया गया है। कोमल बघेल व्याख्याता LB (गणित) को युक्तियुक्तिकरण के नाम पर अतिशेष घोषित किया गया है (जबकि विद्यालय में इनके सिवाय कोई भी गणित का व्याख्याता पदस्थ नहीं है)। इस तरह विगत 02 वर्षों में विद्यालय के 16 व्याख्याता में से 06 व्याख्याताओं को विद्यालय से किसी ने किसी कारण को दर्शाते हुए हटाया गया है और दो व्याख्याता सेवानिवृत हुए हैं. इस तरह कुल आठ (06+02) व्याख्याता विद्यालय में कम हो गए हैं। प्राचार्य के पत्र व्यवहार पर कोई सुनवाई नहीं हुई विगत 02 वर्षों में मात्र एक व्याख्याता अमितेश कुमार पांडे व्याख्याता (अंग्रेजी) ही 14 जनवरी 2025 को लगभग पूरा सत्र पूर्ण होने के पश्चात विद्यालय में पदस्थ हुए हैं। अतः 551 विद्यार्थियों के लिए कक्षा नवी से 12वीं तक 11 कक्षाओं में 60 पीरियड (कक्षा नवी-दसवीं में 30 पीरियड + कक्षा 11वीं-12वीं में 30 पीरियड) के लिए (अन्य विद्यालयीन कार्यों के साथ) व्याख्याताओं की संख्या 16 सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। वर्तमान में कार्यरत किसी भी व्याख्याता LB को ना हटाते हुए, अतिरिक्त तीन व्याख्याताओं की (संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, जीव विज्ञान) पदस्थापना विद्यालय में सुनिश्चित करना न्याय संगत होगा लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर लोक शिक्षा संचलानालय में प्राचार्य व्दारा लगातार पत्र व्यवहार करने के बाद कोई सुनवाई आज तक नहीं हो पाई है जबकि एक सप्ताह के बाद नया शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है।
अमलीडीह स्कूल में शिक्षकों की कमी को देखते हुए तीन व्याख्याताओं का युक्तियुक्तकरण से नाम हटाकर युक्तियुक्तकरण करते हुए तीन नए व्याख्याताओं को विद्यालय में प्रदान करने का कष्ट करेंगे, तभी 551 विद्यार्थियों के अध्यापन का कार्य संभव हो सकेगा। – प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अम्लीडीह रायपुर छत्तीसगढ़।