छत्तीसगढ़ में 36 टुकड़ों में बंटी और 35 पर अटकी कांग्रेस में कलह का पारा 100 डिग्री पार.. हार पर कोई सीख नहीं.. घात-प्रतिघात जारी…

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0 छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला की भड़ास, कुमारी सैलजा को लिखा पत्र

रायपुर। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में 75 पार का नारा देते देते कांग्रेस 35 पर आकर लटक गई। छत्तीसगढ़ में इस तरह करारी शिकस्त लेकर धराशाई हुई पार्टी के पूर्व विधायकों के बाद अब पीसीसी के पदाधिकारियों ने भी भड़ास निकालनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने एआईसीसी की राष्ट्रीय महा कुमारी सौलजा और पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा है। इस चिट्ठी में उन्होंने अपना दुख और गुस्सा जाहिर कर लिखा है कि दिल्ली के नेताओं के लिए छत्तीसगढ़ सिर्फ एक पॉलिटिकल पर्यटन का हब और मौज मस्ती का केंद्र बन कर रह गया है। आपके द्वारा नेता प्रतिपक्ष चयन की औपचारिकता भी पूरी कर ली गई। लेकिन नतीजे आने के इतने दिन बाद भी आखिर 75 पार कहते कहते कांग्रेस 35 पर क्यों थमी, इसकी समीक्षा करने की जरूरत अब तक किसी ने नहीं महसूस की है।पीसीसी महामंत्री शुक्ला ने कुछ बातों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सवाल उठाया है कि हमारी योजनाएँ और प्लानिंग क्यों धराशाई हुई, हमारे सर्वे जो 7-7 बार हुआ, वह क्यों असफल हुआ ? नेताओं को क्षेत्र बदलकर, (महंत राम सुन्दर दास एवं छाया वर्मा) क्यों चुनाव लड़वाया गया ? ब्लॉक एवं जिला कांग्रेस कमेटी से आए नामों पर, क्यों नहीं टिकिट बांटा गया ? दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि दिल्ली के नेताओं का छत्तीसगढ़ राजनीतिक पर्यटन हब, मौज-मस्ती का केन्द्र बन गया है। एक-एक प्रकोष्ठ में 4-4 प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये। L.D.M. रूपी के तमाशा किया गया।

हार के सीधे जवाबदारों की दिल्ली में बैठक कर लीपा-पोती

पीसीसी महामंत्री शुक्ला ने चुनाव परिणाम की शीघ्र समीक्षा (चिन्तन – मनन) बैठक, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित बैठक तत्काल आहुत किए जाने का आग्रह किया है। इस हार के लिए जो प्रत्यक्ष तौर पर जवाबदार थे उनकी बैठक (लीपा-पोती) आप लोगों ने दिल्ली में कर ली। नेता प्रतिपक्ष के चयन की औपचारिकता भी आप लोगों ने कर लिया, किन्तु 75 पार की बातें करते-करते हम 35 में क्यों सिमट गये, इसकी समीक्षा आज 15 दिनों बाद भी करने की आवश्यकता महसूस नहीं की जा रही है।

पैसे लेकर नियुक्तियां, जिस जोगी कांग्रेस का विरोध किया, उन्ही में से बुला-बुला कर उपकृत किया

उन्होंने आगे लिखा है कि आसन्न चुनाव में विपरीत परिणाम आने से सभी कांग्रेस जन दुखी एवं विचलित है। लेकिन कारणों पर विमर्श भी जरूरी है। उन्होंने यहां तक लिखा कि पैसे लेकर नियुक्तियां की गईं। जिस जोगी कांग्रेस को बामुश्किल हमनें संघर्ष कर बहार किया था उन्हें बुला-बुला कर उपकृत कर, राजनीतिक और शासकीय पदों से सम्मानित किया गया।