तो इस वजह से हारी कांग्रेस, समीक्षा में निकला निचोड़, आप भी समझें पूरा गणित

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रायपुर। छतीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार हुई है. छतीसगढ़ में कांग्रेस को जहां जीत की बड़ी आस थी, तमाम एग्जिट पोल ने भी यही इशारा किया था. लेकिन बीजेपी की आंधी में मध्य प्रदेश और राजस्थान के साथ छतीसगढ़ भी कांग्रेस के हाथों से निकल गया. वहीं बीजेपी ने इन तीनों राज्यों में शानदार जीत हासिल की. अब कांग्रेस आलकमान की तरफ से हार की समीक्षा की जा रही है. शुक्रवार को इसी सिलसिले में बैठक की गई. इस बैठक में छतीसगढ़ में कांग्रेस की हार के कारण भी बताए गए.

अंदरूनी कलह रही बढ़ी वजह
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में की गई बैठक में छतीसगढ़ में कांग्रेस की हार की सबसे बड़ी वजह भूपेश बघेल सरकार का अत्यधिक ग्रामीण फोकस, पार्टी में लंबे समय से चल रही अंदरूनी कलह, बीजेपी की ‘सांप्रदायिक लामबंदी को बताया गया है. एआईसीसी अधिकारियों के अनुसार 2018 में कांग्रेस का वोट शेयर 42 प्रतिशत था. लेकिन इस बार बीजेपी ने 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. बीजेपी ने कांग्रेस के छोटे वोटों पर कब्जा किया है. इस द्विध्रुवीय मुकाबले में ये तो स्पष्ट था कि बीजेपी और कांग्रेस कुल वोटों का 76% हासिल करते थे, लेकिन इन चुनावों में उनके बीच 88.5% वोट बंट गए.

हिंदुत्व अभियान और जाति जनगणना को भी ठहराया जिम्मेदार
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए हिंदुत्व अभियान और जाति जनगणना पर पार्टी के जोर को जिम्मेदार ठहराया गया है. बताया गया है कि भूपेश बघेल सरकार का ग्रामीण फोकस शहरों में असफलता का एक बड़ा कारण बना.