The Duniyadari :दीपका :प्रगति नगर में कलार समाज द्वारा सहस्त्रबाहु जयंती पर किए गए भूमि पूजन को लेकर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जिस जगह पर मूर्ति स्थापना और पूजा-अर्चना की गई, वह जमीन एसईसीएल दीपका क्षेत्र की बताई जा रही है। सबसे अहम बात—कंपनी ने इस आयोजन के लिए कोई भी अनुमति जारी नहीं की थी।
नेताओं की मौजूदगी पर उठे सवाल
भूमि पूजन के मंच पर भाजपा विधायक प्रेमचंद पटेल, कांग्रेस के पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर और दीपका नगरपालिका अध्यक्ष राज जायसवाल शामिल हुए।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान किसी नेता ने जमीन की कानूनी स्थिति पर एक शब्द भी नहीं कहा, जबकि जमीन के सरकारी/कंपनी संपत्ति होने की चर्चा पहले ही क्षेत्र में मौजूद थी।
SECL का स्पष्ट बयान—“जमीन हमारी, अनुमति नहीं… पुलिस को दी शिकायत”
एसईसीएल प्रबंधन ने पुष्टि की है कि जहां कार्यक्रम हुआ वह जमीन कंपनी की आधिकारिक संपत्ति है।
प्रबंधन ने यह भी बताया कि पूजा और निर्माण की शुरुआत के लिए कोई स्वीकृति नहीं दी गई। इसी आधार पर कंपनी ने दीपका थाना में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिससे मामला अब कानूनी जांच के दायरे में प्रवेश कर चुका है।
क्या समाज को वास्तविक जानकारी छिपाई गई?
स्थानीय स्तर पर यह चर्चा तेज है कि जमीन की स्थिति बताए बिना आयोजन शुरू कर दिया गया।
लोग यह भी पूछ रहे हैं—
- क्या नेताओं की मौजूदगी में बिना अनुमति कंपनी भूमि पर कार्यक्रम करना सही था?
- क्या भूमि के स्वामित्व को लेकर समाज को अधूरी या गलत जानकारी दी गई?
जनता की प्रतिक्रिया—“यह तो सरकारी जमीन पर कब्ज़े जैसा मामला!”
रिहायशी इलाकों में लोग इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि यह घटनाक्रम सरकारी/कंपनी भूमि पर कब्ज़े की शुरुआत जैसा दिखाई देता है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि—
- पुलिस क्या कदम उठाएगी?
- प्रशासन की भूमिका क्या होगी?
- और SECL आगे क्या कार्रवाई करता है?
यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है और आने वाले दिनों में इसके बड़े असर देखने को मिल सकते हैं।














