वेब डेस्क । हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का बहुत बड़ा महत्व है. जिसे भगवान श्री राम के वनवास से लौटने की खुशी में मनाया जाता है. दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है. इस दिन नई वस्तुओं को घर में शुभ मुहूर्त में लाना शुभ माना जाता है. इसी दिन कुबेर देवता की पूजा करने के अलावा शुभ मुहूर्त पर यम का दिया निकालने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है.
धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता की भी पूजा की जाती है. इस दौरान शाम के समय में एक सही दिशा में यम का दिया निकाला जाता है. आइए विस्तार में यम का दिया निकालने के पौराणिक मान्यता और उसे निकालने के शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार में जानें.
यम का दीपक निकालने के पीछे की वजह
धनतेरस के दिन कुबेर देवता के अलावा यमराज की भी पूजा की जाती है. दरअसल इस दिन यमराज को खुश करने के लिए एक शुभ मुहूर्त पर घर के पीछे चौमुखी दिया को उसकी सही दिशा में रखा जाता है.
किस दिशा में रखें यम का दिया
ज्योतिष के अनुसार यम के दिये को घर के दक्षिण दिशा में रखना शुभ मानते हैं. दरअसल दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज को माना जाता है. इसलिए दक्षिण दिशा में दिया जलाने से यमराज प्रसन्न रहते हैं. जिससे कि घर में सुख और शांति बनी रहती है.
जानें यम दिया निकालने का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन 1 घंटे 56 मिनट के लिए शुभ मुहूर्त है, जिसमें व्यक्ति नई चीजों की खरीदारी कर सकता है. यह शाम के समय में 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और 7 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इस दिन प्रदोष काल सुबह 5 बजकर 29 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक रहेगा. वृषभ काल 5 बजकर 46 से 7 बजकर 42 मिनट तक रहेगा. इस दौरान व्यक्ति यम का दिया निकाल सकता है.
ऐसे निकालें यम का दिया
आटे का चौमुखी दिया बनाकर उसमें बत्ती लगाकर सरसों तेल डाल दें. अब इसे जलाकर घर के दक्षिण दिशा की ओर मुख कर के रख दें. दिया रखने के बाद इसे पलट कर ना देखें और सीधे घर में चले जाएं.