The Duniayadari बालोद, छत्तीसगढ़। बालोद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला आरक्षक ने डिप्टी कलेक्टर दिलीप उईके पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि डिप्टी कलेक्टर ने आठ वर्षों तक शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, जबरन गर्भपात करवाया और आर्थिक रूप से भी शोषण किया। इस मामले में डौंडी थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
2017 में हुई थी जान-पहचान
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि वर्ष 2017 में वह और दिलीप उईके ग्राम अवारी स्थित आईटीआई डौंडी में साथ पढ़ते थे। इसी दौरान दोनों के बीच जान-पहचान बढ़ी और रिश्ता प्रेम संबंध में बदल गया। पीड़िता के अनुसार, दिलीप ने शादी का वादा कर उसके साथ संबंध बनाए और पहली बार मार्च 2017 में वह गर्भवती हो गई। दिलीप ने पढ़ाई का हवाला देकर उसे जबरन गर्भपात की दवा खिलाई।
नौकरी के बाद भी जारी रहा शोषण
महिला को 2017 में पुलिस विभाग में नौकरी मिल गई, जबकि दिलीप ने दुर्ग साइंस कॉलेज में पढ़ाई शुरू की। इस दौरान महिला ने उसकी पढ़ाई, कोचिंग और अन्य खर्चों के लिए हर महीने 4-5 हजार रुपये भेजे। वर्ष 2020 में दिलीप का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हो गया और उसकी पोस्टिंग बीजापुर में हुई। इसके बाद भी वह लगातार शादी का झांसा देकर महिला का शारीरिक और आर्थिक शोषण करता रहा।
गाड़ी भी हड़पी, तीन बार कराया गर्भपात
पीड़िता का आरोप है कि दिलीप ने फरवरी 2023 में उसके नाम पर मारुति कार खरीदी, लेकिन 2024 में उसे अपने नाम ट्रांसफर करवा लिया। वहीं, तीन बार जबरन गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया गया है। आखिरी बार मई 2025 में महिला तीसरी बार गर्भवती हुई, तब भी उसे दवा खिलाकर गर्भपात कराया गया। इस दौरान महिला ने लोन लेकर करीब 3.3 लाख रुपये भी दिलीप को ट्रांसफर किए।
शादी से किया इनकार, पीड़िता ने दर्ज कराई एफआईआर
महिला का कहना है कि जून 2025 में दिलीप ने उसे उसके घर छोड़ते हुए साफ कह दिया कि वह शादी नहीं करेगा। इसके बाद महिला ने डौंडी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दिलीप उईके के खिलाफ संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
सीएसपी दल्लीराजहरा चित्रा वर्मा ने पुष्टि की है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और पीड़िता के बयान लिए जा रहे हैं। आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
डिप्टी कलेक्टर से संपर्क की कोशिश नाकाम
जब मीडिया ने डिप्टी कलेक्टर दिलीप उईके से संपर्क करने की कोशिश की तो उनके नंबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
यह मामला प्रशासनिक स्तर पर पद का दुरुपयोग, महिला के साथ धोखाधड़ी और गंभीर मानसिक एवं शारीरिक शोषण का उदाहरण बनकर सामने आया है। अब देखना होगा कि जांच के बाद क्या कार्रवाई की जाती है।