भारतीय वायु सेना के ऑपरेशन सिंदूर में महिला स्काई डाइवर ने आसमान से लगाई रिकॉर्ड ऊंचाई की छलांग, दिखाई अद्भुत साहस और क्षमता

21

The Duniyadari: प्रयागराज: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया. इसके बाद देशभर में तिरंगा शौर्य यात्राएं निकालकर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाया जा रहा है. हर देशवासी भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा रहा है.

प्रयागराज की रहने वाली और देश की सबसे कम उम्र की महिला स्काई डाइवर अनामिका शर्मा ने भारतीय सेना को अनोखे अंदाज में सलामी दी है. उन्होंने थाईलैंड के बैंकॉक में आसमान से 12,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई- वो भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का लाल ध्वज लेकर.

अनामिका की यह साहसिक छलांग भारतीय समय के अनुसार गुरुवार सुबह 11 बजे लगाई गई. इस ऐतिहासिक स्काई डाइव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अनामिका लाल ध्वज को गर्व से लहराते हुए आसमान में डाइव करती नज़र आती हैं. अनामिका शर्मा भारत की पहली महिला स्काई डाइविंग प्रशिक्षक बनने की दिशा में अग्रसर हैं.

मात्र 10 वर्ष की उम्र में पहली स्काई डाइव करने वाली अनामिका अब तक 300 से अधिक स्काई डाइव कर चुकी हैं. उनका यह जुनून और हुनर उन्हें विरासत में मिला है.

उनके पिता अजय शर्मा, भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त जूनियर वारंट ऑफिसर हैं. वे एक प्रशिक्षित कमांडो और प्रोफेशनल स्काई डाइवर हैं. उन्होंने ही अनामिका को स्काई डाइविंग की ट्रेनिंग दी है.

यह पहली बार नहीं है जब अनामिका ने देश की भावना को विदेशी धरती पर सम्मानित किया हो. जनवरी 2024 में उन्होंने थाईलैंड में 13 हजार फीट की ऊंचाई से राम मंदिर का ध्वज लेकर स्काई डाइव की थी, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बनी थी. गौरतलब है कि थाईलैंड में हनुमान जी को रक्षक माना जाता है.

अनामिका के इस नए कीर्तिमान से उनके परिवार में भी खुशी की लहर है. उनके पिता अजय शर्मा ने कहा कि बेटी ने देश का नाम रोशन किया है. हमें गर्व है कि वह सेना के शौर्य को आसमान तक ले गई.

वहीं, मां प्रियंका ने भावुक होते हुए कहा कि अनामिका बचपन से ही निडर रही है. आज उसने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि बेटियां क्या कुछ कर सकती हैं. फिलहाल अनामिका थाईलैंड में हैं. उनका यह कदम देशवासियों के दिलों में गौरव का भाव भर गया है.