मौसमी बीमारियों के रोकथाम हेतु कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को सर्तक रहने के दिए निर्देश

16

The Duniyadari: *बीमारी -जैसे बुखार एवं उल्टी-दस्त होने पर स्वास्थ्य विभाग को उपचार करने और शिविर लगाने के निर्देश*

कोरबा 20 अगस्त 2025/

कलेक्टर अजीत वसंत ने कोरबा जिले में मौसमी बीमारियों जैसे बुखार, उल्टी-दस्त, मलेरिया की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने और शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित ग्राम में जाकर पीड़ितों का उपचार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आवश्यकता होने पर स्वास्थ्य विभाग को शिविर लगाने के भी निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने पीड़ितों के उपचार में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं करने तथा लापरवाही सामने आने पर कार्यवाही की हिदायत दी है।

कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिले के प्रत्येक क्षेत्र में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है जिसके अनुपालन में प्रत्येक स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों तथा मैदानी क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन व डिपोहोल्डर्स के पास जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता तथा सतत औषधियों की प्रतिपूर्ति व्यवस्था की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य अमलों के द्वारा शिविर लगाकर उपचार किया जा रहा है। मौसमी बीमारियों/महामारी के नियंत्रण हेतु जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर काम्बेट टीम का गठन किया गया है तथा उन्हें क्षेत्रों में सतत् भ्रमण कर निगरानी बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिये गए जो सूचना प्राप्त होते ही प्रभावित क्षेत्र में तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। किसी भी क्षेत्र में बुखार ,मलेरिया या उल्टीदस्त की शिकायत होने पर तत्काल मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को तुरंत सूचना दी जाये।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी नें जनसामान्य को मौसमी बीमारियों जैसे डायरिया एवं मलेरिया से बचाव हेतु सदैव भोजन करने से पूर्व एवं शौंच के पश्चात हॉंथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, घरों के आस-पास स्वच्छता रखने, व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने, खाने-पीने की वस्तुओं और पानी को हमेशा ढ़ककर रखने, बासी भोजन, सड़े गले फलों का सेवन नहीं करने व हमेंशा ताजे फलों और भोजन का सेवन करने, खाने और पकाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोने, पीने के लिए हैण्डपंप का पानी का उपयोग करने तथा पानी को उबालकर एवं छानकार तथा पानी की शुद्धता के लिए क्लोरिन की गोली डालकर ही पीने के लिए उपयोग में लाने, कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डलवाने तथा जल स्त्रोत के पास कूड़ा-करकट, गंदे पानी एकत्र न होने देने, इस बात का ध्यान रखने कि मल विसर्जन घर से दूर तथा पीने के पानी के स्त्रोत से 25 मीटर से अधिक दूरी पर होना चाहिए। दस्त या बुखार होने पर तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन , डिपोहोल्डर अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में तत्काल निःशुल्क प्राथमिक उपचार लेने, दस्त होने की स्थिती में ओ.आर.एस.का घोल सेवन करने या नारियल का पानी, नमकीन लस्सी , नीबू की सिंकंजी , चावल का मांड, हल्की चाय, दाल का पानी का सेवन लगातार करते रहने, ये सभी उपाय शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। मच्छरों से बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग करने एवं इसे आदत में सुमार करने, सोने के पूर्व संभव हो तो शरीर में मच्छरनाशक क्रीम अथवा नीम तेल लगाने ताकि मच्छर न काट सके। घर अथवा घर के आस-पास कूलर, टायर, टूटे बर्तन अथवा अन्य कोई भी वस्तुओं में पानी जमने न देने, उल्टी दस्त से किसी भी मृत्यु होने पर उन घरों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सहयोग से ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण अवश्य कराने तथा घर के अन्य सदस्यों को भी उल्टी-दस्त की दवाईयॉ खिलाने, ग्राम में होने वाले सभी सार्वजनिक आयोजनों में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखने, कार्यक्रम के दौरान ताजा भोजन का उपयोग करने पर अमल करने की हिदायत दिये हैं।

कलेक्टर श्री अजीत वसंत एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ-एस-एन.केशरी ने जिले की जनता से अपील की है कि उपरोक्तानुसार बातों पर अमल करें जिससे महामारी जैसी बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सके तथा जिले में असामयिक मृत्यु को रोका जा सके। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर जिले को मौसमी बीमारी से मुक्त करने की दिशा में अमूल्य योगदान दें।