0 पीएससी से नौकरी पाने वाले 18 लोग किसी न किसी अफसर के रिश्तेदार, पूर्व गृहमंत्री व रामपुर विधायक ननकीराम कंवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने किया निर्णय
कोरबा। पीएससी (राज्य प्रशासनिक सेवा) जैसे राज्य की सबसे प्रतिष्ठित सेवा में सरकारी नौकरी बांटने को लेकर प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। मंगलवार को प्रदेश के पूर्वउ गृहमंत्री व कोरबा के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक ननकीराम कंवर की याचिका पर हाई कोर्ट बिलासपुर में सुनवाई की गई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुनवाई करते हुए यह पाया कि पीएससी में नौकरी पाने वाले 18 लोग किसी न किसी अफसर के रिश्तेदार हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा (पीएससी) में हुए व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और रामपुर विधायक नानकीराम कंवर ने एक याचिका बिलासपुर उच्च न्यायालय में दायर की थी। प्रदेश के बड़े अधिकारियों द्वारा ही नियमों को ताक पर रखकर छत्तीसगढ़ पीएससी में बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी बनाने के गंभीर मामले पर लगी विधायक नानकीराम कंवर की याचिका पर बिलासपुर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। आज हाई कोर्ट खुलते ही चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने दिन के पहले केस के रूप में शामिल करते हुए सुनवाई की। कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मंगलवार को दोपहर लंच के बाद इस मामले पर सुनवाई की गई और कोर्ट ने 18 ऐसे लोगों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है, जिन्हें किसी न किसी सरकारी अधिकारी का रिश्तेदार होना पाया गया।
अफसरों के लाडलों ने सरनेम छुपाकर किया कांड
ननकीराम कंवर ने अपनी याचिका में राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटा और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों के भी सलेक्शन पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि पीएससी में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने न सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टचार किया गया है। हाई कोर्ट में पेश की गई याचिका के बाद जिन लोगों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है, उनमें डिप्टी कलेक्टर बने नितेश ने छत्तीगसढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी का पुत्र है, जिसने सरनेम छुपाया है। इसी तरह व डीएसपी बने साहिल सोनवानी के बड़े भाई का पुत्र है, जिसने भी सरनेम छुपाया। डिप्टी कलेक्टर बनी निशा कोशले तामन सिंह सोनवानी के पुत्र नितेश की पत्नी है। डिस्ट्रिक्ट एक्साइज अफसर बनी दीपका अजगल्ले पति आदिल तामनसिंह सोनवानी की भाई बहू है। लेबर अफसर बनी सुनीता जोशी तामन सिंह सोनवानी के बहन की बेटी है। डिप्टी कलेक्टर बने सुमित ध्रुव छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के सचिव, डिप्टी कलेक्टर बनी नेहा खलखो राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो की पुत्री, डिप्टी कलेक्टर बने निखिल खलखो अमृत खलखो का पुत्र, डिप्टी कलेक्टर बनी साक्षी ध्रुव बस्तर नक्सल आॅपरेशन के डीआईजी ध्रुव की पुत्री, प्रज्ञा ध्रुव कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की पुत्री, डिप्टी कलेक्टर बने प्रखर नायक कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार का पुत्र, डिप्टी कलेक्टर बनी अनन्या अग्रवाल वरिष्ठ कांग्रेस नेता की पुत्री, डिप्टी कलेक्टर बने शशांक गोयल वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का पुत्र, खुशबू बिजौरा कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की पुत्री, डिप्टी कलेक्टर बने स्वर्णिम शुक्ला कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की पुत्री व डिप्टी कलेक्टर बने राजेंद्र कुमार कौशिक भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता का पुत्र, डिप्टी कलेक्टर बनी मीनाक्षी गणवीर भी लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी की ही रिश्तेदार है।