रायपुर। छत्तीसगढ़ पावर कंपनी के संविदा कर्मियों का नियमितीकरण आंदोलन तेज, 18 अक्टूबर से कामबंद की चेतावनी

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The Duniyadari : छत्तीसगढ़ पावर कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने एक बार फिर अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित सभा में कर्मचारियों ने प्रबंधन पर लगातार वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बीते पांच वर्षों से स्थायीकरण की मांग उठा रहे हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

संघ के महामंत्री कमलेश भारद्वाज ने बताया कि अब संगठन ने चरणबद्ध आंदोलन का तृतीय चरण शुरू कर दिया है। यदि सरकार और प्रबंधन ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो 18 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मचारी ही विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को संभाल रहे हैं, लेकिन उन्हें स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं नहीं मिल रहीं।

संघ के अध्यक्ष हरिचरण साहू और संयुक्‍त महामंत्री योगेश साहू ने बताया कि पहले भी 2003, 2006, 2009 और 2011 में संविदा कर्मचारियों को दो वर्ष के भीतर नियमित कर दिया गया था, मगर 2016 और 2018 में भर्ती कर्मचारियों को अब तक नियमित नहीं किया गया है। इससे कर्मचारी शोषण का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 41 संविदा कर्मियों की कार्य के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि कई स्थायी रूप से दिव्यांग हो गए हैं।

संविदा कर्मचारियों ने चार प्रमुख मांगें रखी हैं—

  1. सभी संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
  2. विद्युत दुर्घटना या सामान्य मृत्यु पर 25 लाख रुपये मुआवजा और परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
  3. एकमुश्त वेतन में महंगाई भत्ता व मकान भत्ता जोड़ा जाए।
  4. राष्ट्रीय अवकाश पर ड्यूटी करने पर अतिरिक्त भुगतान की सुविधा मिले और पूर्व में की गई अतिरिक्त ड्यूटी का भी भुगतान किया जाए।

कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो प्रदेशभर में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।