जगदलपुर- वर्ष 2013 के झीरम घाटी हमले को अंजाम देने वाले दरभा डिवीजन के चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक नक्सली पांडु शामिल है, जिसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था।
दरभा डिवीजन के नक्सलियों का आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली दरभा डिवीजन के कांगेर नेशनल पार्क एरिया कमेटी के सदस्य थे, जिनमें एक महिला नक्सली भी शामिल है। बस्तर के पुलिस अधीक्षक सलभ सिन्हा ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आत्मसमर्पण योजना के तहत लाभ और प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।
दरभा डिवीजन का कमजोर होता नेटवर्क
दरभा डिवीजन, जो 2005 से 2015 तक नक्सली गतिविधियों का प्रमुख केंद्र था, अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। 2016 के बाद से वरिष्ठ नक्सली नेताओं के मारे जाने और कई नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने से इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में भारी गिरावट आई है। पुलिस और सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और आत्मसमर्पण की नीतियों के कारण नक्सलियों का संगठन कमजोर हो रहा है।
आत्मसमर्पण से नक्सल गतिविधियों में गिरावट
नक्सलियों के आत्मसमर्पण से यह साफ है कि सुरक्षा बलों की रणनीति और सरकार की आत्मसमर्पण नीति असर दिखा रही है। इससे न केवल नक्सलियों की ताकत कमजोर हो रही है, बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के प्रयासों को भी बल मिल रहा है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के साथ प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी, जिससे वे मुख्यधारा में वापस लौट सकें।