उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि गुरुवार को तड़के ढाई बजे मंदिर के कपाट खोले गए। सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 15 अगस्त आजादी का पर्व सबसे पहले भस्म आरती में देखने को मिला। गुरुवार तड़के भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान भगवान को तीन रंग के वस्त्र अर्पित कर आजादी के पर्व की शुरुआत हुई। भगवान महाकाल का मंदिर भी तीन रंगो में सजा दिखाई दिया इस दौरान मंदिर के शिखर पर भारत के झंडे लगाकर सजाया गया।
महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण। फल और मिष्ठान का भोग लगाया।गुरुवार की अल सुबह भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा की जयकारे से गुंजायमान हो रहा था।