The Duniyadari: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगलों में 21 मई 2025 को सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ एक ऐतिहासिक और निर्णायक अभियान चलाकर न केवल प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के महासचिव नामबाला केशव राव उर्फ बसवराजु @ बीआर दादा @ गंगन्ना को ढेर किया, बल्कि वर्ष 2010 के ताड़मेटला और 2017 के बुरकापाल हमले में लूटे गए हथियारों को भी बरामद करने में सफलता हासिल की।
इस ऑपरेशन को डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) की टीमों ने अंजाम दिया, जिसमें मुठभेड़ के दौरान 27 कुख्यात माओवादी मारे गए, जिनमें कई वांछित इनामी उग्रवादी शामिल थे। मारे गए माओवादियों में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित कुल इनामी राशि ₹3.33 करोड़ की सूची में शामिल अपराधी थे।
बरामद हुए घातक हथियार इस अभियान के दौरान माओवादियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए, जिनमें शामिल हैं। एके-47 राइफल – 3 नग एसएलआर – 4 नग इंसास राइफल – 6 नग कार्बाइन – 01 नग .303 राइफल – 6 नग बीजीएल लॉन्चर – 01 नग सुरका (स्थानीय रॉकेट लॉन्चर) – 2 नग 12 बोर बंदूक – 2 नग पिस्तौल – 1 नग भरमार बंदूक – 2 नग बड़ी मात्रा में कारतूस और विस्फोटक सामग्री इन हथियारों में वह एके-47 राइफल भी शामिल है, जिसे 2010 में दंतेवाड़ा के ताड़मेटला हमले में माओवादियों ने सुरक्षाबलों से लूटा था। मुठभेड़ के बाद मारे गए 27 माओवादियों में से 20 के शवों की पहचान और दावे की पुष्टि के बाद परिजनों को सौंपा गया, जबकि शेष 7 शवों के लिए कोई वैध दावा प्रस्तुत नहीं किया गया। कोसी @ हुंगी के परिजनों ने नारायणपुर पहुंचकर शव का स्थानीय स्तर पर अंतिम संस्कार करवाने का आग्रह किया, जिसे स्वीकार कर कानूनी प्रक्रिया के तहत अंतिम संस्कार कराया गया। महासचिव बसवराजु का शव भी उन्हीं 7 शवों में शामिल था, जिनका कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेश पर विधिसम्मत अंतिम संस्कार किया गया।
मारे गए माओवादियों में उच्च पदस्थ कैडर शामिल इस मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में शीर्ष नेतृत्व शामिल था: 1 महासचिव / पोलित ब्यूरो सदस्य (PBM)
1 डीकेएसजेडसीएम 4 सीवाईपीसीएम 3 पीपीसीएम पीएलजीए कंपनी नंबर 7 के 18 सदस्य 2 माओवादी आंध्र प्रदेश से और 3 तेलंगाना से थे इन सब पर छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों की सरकारों और केंद्र द्वारा बड़ी इनामी राशि घोषित की गई थी। बसवराजु की भूमिका और आपराधिक पृष्ठभूमि बसवराजु उर्फ बीआर दादा, वर्ष 2018 से सीपीआई (माओवादी) का महासचिव था और इससे पहले वह केंद्रीय सैन्य समिति का प्रमुख रह चुका था। उसके नेतृत्व में संगठन ने हजारों निर्दोष आदिवासियों और सुरक्षाबलों की हत्याएं की थीं। बसवराजु पर 258 से अधिक गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्तता की जांच चल रही है। वह बस्तर की दो पीढ़ियों की शांति और शिक्षा को छीनने, बच्चों को जबरन संगठन में भर्ती कराने और महिलाओं को शोषण का शिकार बनाने जैसे जघन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार था।
माओवादी संगठन की प्रतिक्रिया अबूझमाड़ मुठभेड़ के संबंध में सीपीआई (माओवादी) ने प्रेस नोट जारी कर बसवराजु सहित 28 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि की है। संगठन ने अपने कैडरों की मौत को महिमामंडित करते हुए देशभर में विरोध प्रदर्शन और रैलियों के आह्वान की कोशिश की है, लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियां ऐसे Over Ground Workers (OGW) पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ और देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवाद के खिलाफ एक मील का पत्थर साबित हुई है।
बसवराजु की मौत से माओवादी संगठन को गंभीर रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक झटका लगा है। सुरक्षाबलों की साहसिक कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाले तत्व अब सुरक्षित नहीं रह सकते। यह कार्रवाई न केवल शौर्य की मिसाल है, बल्कि बस्तर क्षेत्र के लोगों के भविष्य को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।