जान जोखिम में डाल जा रहे स्कूल, बच्चे पार कर रहे टूटा पुल

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The Duniyadari: झारखंड के खूंटी जिले के लगभग एक दर्जन गांवों में पढ़ाई का जुनून और जीवन में सफलता पाने की ललक में स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 15 दिन पहले 19 जून की सुबह जोरदार बारिश में खूंटी-सिमडेगा मुख्य रास्ते पर बनई नदी पर बने पुल का एक हिस्सा नदी में गिर गया था.

इस पुल के धराशाई के होने से कई लोगों का रोजगार छिन गया तो बच्चों की पढ़ाई छूट गई, लेकिन इसी बीच ग्रामीणों ने तरकीब निकाली. बनई नदी पर ध्वस्त हुए पुल पर बांस की सीढ़ी लगा दी गई. स्कूली बच्चे लगभग 20 से 25 फीट ऊंची बास की सीढ़ी से जान जोखिम में डालकर नीचे से पुल के ऊपर चढ़कर पढाई करने के लिए स्कूल जाते हैं.

बच्चों का बांस की सीढ़ी पर चढ़ते हुए एक वीडियों भी सामने आया है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे जान हथेली पर लिए बच्चे अपनी पीठ पर स्कूल बैग लेकर बांस की सीढ़ी से टूटे पुल के ऊपर चढ़ रहे हैं. बच्चों के इस प्रकार टूटे हुए पुल से बांस की सीढ़ी के सहारे पढ़ाई करने जाने की सूचना प्रशासन को लगी तो तत्काल सुरक्षा के दृष्टिकोण से वहां से सीढ़ी हटा दी गई.

हालांकि अब लगभग एक दर्जन गांव जिसमें जामटोली ,हेसेल ,पेलोल,माहिल, बिचना ,बांधटोली,सारिदकेल और जुरदाग शामिल है, इन गांवों के बच्चे स्कूल जाने से वंचित हो गए हैं और ग्रामीणों को अपने रोजमर्रा की जरूरतों और दैनिक कार्यों के निष्पादन के लिए लगभग 12 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है. बता दें कि 19 जून को रांची समेत गुमला, सिमडेगा सहित आधा दर्जन जिलों के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया था.

पुल खूंटी और सिमडेगा जिला को जोड़ता था

इसी दरमियान जोरदार बारिश के बीच बनई नदी पर बने पुल का एक हिस्सा टूटकर नदी में गिर गया. इस दौरान एक ट्रक भी नदी में गिरा. गौतलब है कि ये पुल खूंटी और सिमडेगा जिले को जोड़ता था. पुल टूटने के कारण कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन अब ये ग्रामीणों के जी का जंजाल बन गया है.