The Duniyadari :जलपाईगुड़ी/कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बाढ़ त्रासदी के बीच राजनीति का तापमान चढ़ गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में जुटे बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू पर कथित रूप से टीएमसी समर्थकों द्वारा हमला किए जाने की खबर ने राज्य की राजनीति को हिला दिया है।

जानकारी के अनुसार, यह घटना जलपाईगुड़ी जिले के नागरकट्टा क्षेत्र की है, जहां सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष बाढ़ राहत सामग्री वितरण के लिए पहुंचे थे। तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ियों पर पत्थरबाजी की और भीड़ ने उन्हें घेर लिया। बताया जा रहा है कि हमले में सांसद खगेन मुर्मू को सिर में चोटें आईं, जबकि उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
घटना के बाद बीजेपी नेताओं ने सीधे तौर पर टीएमसी समर्थकों पर हमला करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि “यह राज्य में फैले जंगलराज और ममता सरकार की असहिष्णु राजनीति का प्रमाण है।”
भाजपा का तीखा वार
हमले की निंदा करते हुए बीजेपी ने कहा कि यह ममता बनर्जी की सरकार की “निर्दयता और तानाशाही” का ताजा उदाहरण है। पार्टी नेताओं का आरोप है कि जब लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता कार्निवल और आयोजनों में व्यस्त हैं, जबकि जनता त्रासदी झेल रही है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा —
“राज्य में अब कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। जो जनता की सेवा करना चाहता है, उस पर हमला किया जा रहा है। यह स्पष्ट रूप से जंगलराज है, जहाँ निर्दयता हुकूमत करती है और सेवा अपराध बन जाती है।”
TMC का पलटवार
वहीं टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हमला पार्टी कार्यकर्ताओं ने नहीं किया। जिला इकाई की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि बीजेपी नेता राहत कार्य के बहाने राजनीति करने पहुँचे थे, जिससे स्थानीय लोग नाराज़ हो गए। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि “यह जनता की स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी, न कि कोई साजिश।”
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
घटना के समय स्थानीय पुलिस मौजूद थी, लेकिन हमले को रोकने में विफल रही। बीजेपी नेताओं ने पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
ममता सरकार पर बढ़ा दबाव
इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दबाव बढ़ा दिया है। बीजेपी ने राज्यपाल से मिलकर मामले की रिपोर्ट सौंपने और हमले की जांच सीआईडी या स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है।
जनता का दर्द और राजनीति की जंग
उत्तर बंगाल के कई जिलों में लगातार बारिश और नदी उफान से हालात गंभीर हैं। ऐसे में राहत कार्यों के बीच इस तरह की राजनीतिक हिंसा ने लोगों के बीच असुरक्षा की भावना को और गहरा कर दिया है।