The Duniyadari : रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद तेजी से कमजोर हो रहा है और माओवादी अब हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की संवेदनशील नीतियों और संवाद की पहल के कारण आत्मसमर्पण की प्रक्रिया लगातार तेज़ हो रही है। मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा के दौरान यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने नक्सल समस्या को केवल कानून-व्यवस्था के नजरिए से नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार के रूप में देखा है। उन्होंने बताया कि सरकार की नीति शुरुआत से ही “बातचीत और विश्वास” पर आधारित रही है। नक्सलियों से कहा गया था कि बंदूक की राह छोड़कर अगर वे विकास और शांति की दिशा में कदम बढ़ाएं, तो उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का पूरा अवसर दिया जाएगा।
साय ने कहा कि अब नक्सलियों को भी यह एहसास हो रहा है कि हिंसा का रास्ता बेनतीजा है। राज्य में हाल के दिनों में आत्मसमर्पण करने वालों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में कांकेर समेत कई इलाकों में और भी नक्सली मुख्यधारा में लौटेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त किया जाए और हर गांव तक विकास की पहुंच सुनिश्चित की जाए।
बिहार विधानसभा चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वहां एनडीए के पक्ष में जनता का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब कांग्रेस और राजद के पुराने शासन से उब चुकी है और विकास की राजनीति चाहती है।
साय ने आगे कहा कि राजद के कार्यकाल में हुए चारा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मामले बिहार की जनता अभी तक नहीं भूली है। एनडीए ने प्रदेश में विकास के ठोस कार्य किए हैं, इसलिए इस बार भी बिहार में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने की पूरी संभावना है।

























