The Duniyadari : बिलासपुर। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल के खिलाफ कानूनी मोर्चा तेज हो गया है। उनकी संभावित अग्रिम जमानत याचिका से पहले बिलासपुर हाईकोर्ट में कैविएट दायर की गई है, ताकि अदालत किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत देने से पहले विरोधी पक्ष को सुने।
कैविएट बिलासपुर निवासी अजय सिदारा ने दाखिल की है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि यदि अमित बघेल जमानत के लिए आवेदन करते हैं, तो याचिका पर सुनवाई से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। सिदारा का कहना है कि बघेल से जुड़े मामले अत्यंत संवेदनशील हैं और इन घटनाओं ने समाज में व्यापक असंतोष पैदा किया है, इसलिए एकतरफा राहत देना न्यायसंगत नहीं होगा।
इधर, रायपुर पुलिस ने फरार चल रहे अमित बघेल की गिरफ्तारी के लिए 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस का दावा है कि बघेल गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा है और परिचितों के घरों में शरण ले रहा है। रायपुर, दुर्ग, धमतरी और बिलासपुर जिलों में पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बघेल पर न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भी विभिन्न थानों में प्रकरण दर्ज हैं। इनमें इंदौर, ग्वालियर, नोएडा और प्रयागराज जैसे शहर शामिल हैं।
यह पूरा विवाद 26 अक्टूबर को रायपुर के वीआईपी चौक में “छत्तीसगढ़ महतारी” की प्रतिमा तोड़फोड़ की घटना से शुरू हुआ था। अगले ही दिन बघेल के संगठन ने प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने अग्रसेन महाराज, दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लेकर विवादित बयान दिया। इसके बाद अग्रवाल और सिंधी समाज ने प्रदेशभर में कड़ा विरोध प्रदर्शन किया।
वर्तमान में कई जिलों में इन समुदायों द्वारा धरना, रैलियां और एफआईआर की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। इस बढ़ते तनाव के बीच प्रशासन और पुलिस दोनों सतर्क हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि अमित बघेल अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं, जिसके मद्देनजर कैविएट दाखिल कर दी गई है ताकि अदालत एकतरफा निर्णय न दे सके।












