भू-माफिया पर गरमाई विधानसभा, सदन में ही कोरबा के बरबसपुर RI और पटवारी के निलंबन की घोषणा, मंत्री ने माना- रायपुर में कब्जे के 870 मामले

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सरकारी जमीनों पर भू-माफिया के अवैध कब्जे को लेकर हंगामा मचा। विधानसभा में भू-माफिया का मामला ध्यानाकर्षण के जरिए उठा। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, कब्जा की गई सरकारी जमीन पर गाइडलाइन दर से 152ः राशि जमा करने पर भूमिधारी अधिकार मिल रहा है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा इसकी वजह से प्रदेश में खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर कब्जे की परंपरा शुरू हो गई है। ऐसा ही रहा तो भविष्य में किसी सरकारी योजना के लिए खाली जमीन ही नहीं मिलेगी। प्रदेश के सभी जिलों में भू-माफिय जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इसमें राजस्व अधिकारियों की भी मिलीभगत है।

विपक्ष के आरोपों का राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सदन को बतायया कि 2017 से पहले के अबाध कब्जे को ही विनियमित किया जा रहा है, ऐसे में जमीन पर कब्जा करने की परंपरा पड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। जहां भी अवैध कब्जे की शिकायत मिल रही है, उस पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है।

राजस्व मंत्री ने सदन को बताया, प्रदेश भर से सरकारी जमीनों पर कब्जे की 18 हजार 30 शिकायतें आई हैं। इनमें से 7 हजार 199 मामलों का निराकरण किया जा चुका है। शेष मामलों में कार्रवाई जारी है।

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सदन में कहा, यहां यूपी की तरह बुल्डोजर अभियान नहीं चलेगा। अवैध कब्जे को सिस्टम से हटाया जाएगा। जिसके बाद कोरबा जिले के बरबसपुर में एक अतिक्रमण मामले में उन्होंने राजस्व निरीक्षक और पटवारी को निलंबित करने की घोषणा की।

रायपुर में कब्जे के 870 मामले

राजस्व मंत्री ने विधानसभा में बताया कि, रायपुर जिले में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की 870 शिकायतें मिली हैं। उनमें से 299 का निपटारा हो चुका है। शेष न्यायिक प्रक्रिया में हैं। डुंडा, बोरियाखुर्द, पिरदा, बनरसी गांवों में अतिक्रमण के मामले आए हैं। वहीं रायपुर नगर निगम के मठपुरैना, भाठागांव, बोरियाखुर्द, बोरियाकलां, डूंडा, मुजगहन, काठाडीह और सेजबहार में अवैध अतिक्रमण के मामले सामने आए हैं।