अगर आप चाहते हैं ट्रेन में विंडो सीट मिले तो जरूर पढ़ें रेलवे का ये नियम, आराम से पूरी होगी जर्नी

294

नई दिल्ली। रेल में सफर करते समय आपके दिमाग में  हमेशा एक सवाल रहता है कि, काश खिड़की वाली सीट मिल जाए। रेल के सफर का मजा भी तभी है जब ट्रेन में विंडो सीट पर बैठ कर बाहर के नजारों का आनंद लेते रहें। आखिर विंडो सीट आपको कैसे मिलेगी। तो आपको रेलवे के इस नियम की जानकारी होना जरूरी है।

असल में ट्रेन में यात्रा के दौरान विंडो सीट को लेकर नियम बनाए गए हैं। स्‍लीपर या एसी कोच में सीट लोअर, म‍िड‍िल या अपर के ऑर्डर में होती हैं। लोअर बर्थ को लेकर रेलवे में सबसे पहले प्राथमिकता बुजुर्गो के लिए दी गई है। इसके अलावा फिजिकली चैलेंज लोगों को भी रेलवे की तरफ से लोअर बर्थ आवंटन में प्राथमिकता दी जाती है।

हालांकि व‍िंडो सीट पर बैठने का अलोकेशन चेयर कार में होता है. यह स्‍लीपर या एसी कोच में नहीं होता। माना जाता है कि लोवर सीट में विंडो की तरफ होने वाली सीट पर लोवर सीट वाले यात्री को बैठने का अधिकार होता है।

असल में लोअर बर्थ कोटा सिर्फ 60 साल और उससे ज्यादा की उम्र के पुरुषों के लिए होता है. वहीं 45 साल और उससे भी अधिक उम्र की महिलाओं के लिए भी लोअर बर्थ निर्धारित की गई है।

आपको बता दें रेलवे की तरफ से लोअर बर्थ और मिडिल बर्थ पर सफर करने वालो के लिए नियम बनाए गए हैं।

1-रात में 10 बजे से 6 बजे तक मिडिल बर्थ खोली जा सकती है।

2-मिडिल बर्थ ओपन करने से पहले लोअर बर्थ वाले को 3 बार सूचना देनी होती है।

3-मिडिल बर्थ अगर सुबह 6 बजे तक नहीं बंद की जाती तो लोअर बर्थ पर आरक्षित यात्री इसकी सूचना टीटीई को दे सकते हैं।