CG News: अपने ही सरकार के नियम को नहीं मानना एसडीएम प्रदीप साहू को पड़ा भारी, अब 6 लाख का जुर्माना भरेंगे साहब

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अंबिकापुर। CG News: आवासीय प्रयोजन के लिए भूमि के व्यपवर्तन के एक मामले में राजस्व​ विभाग के नियमों की अनदेखी करना अंबिकापुर के एसडीएम को भारी पड़ गया। अंबिकापुर के जिला न्यायालय के स्थायी लोक अदालत जन उपयोगी सेवा ने आवासीय प्रयोजन के लिए भूमि के व्यपवर्तन के एक मामले में अंबिकापुर के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा निर्धारित समय सीमा पर आदेश न करने और जानबूझकर मामला लटकाए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी अंबिकापुर को छह लाख की क्षतिपूर्ति न्यायालय में जमा करने का आदेश पारित किया है।

CG News: सरगुजा जिले में अपने तरह का पहला मामला

CG News: सरगुजा जिले में यह अपने तरह का पहला मामला है जिस पर स्थायी लोक अदालत ने यह बड़ा निर्णय सुनाया है। इस निर्णय से राजस्व न्यायालयों में जानबूझकर लोगों के काम लटकाए जाने मामला भी सामने आ गया है। क्षतिपूर्ति 30 दिन के अंदर न्यायालय में जमा करने का आदेश हुआ है।

0.जानें क्या है मामला

CG News: दरअसल नगर के देवीगंज रोड निवासी मृगेंद्र सिंहदेव अधिवक्ता ने अपनी सरगंवा स्थित भूमि के डायवर्सन कराने के लिए समस्त जरूरी दस्तावेजों सहित आवेदन 28 फरवरी 2022 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अंबिकापुर के न्यायालय में प्रस्तुत किया था।

CG News: छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय रायपुर के द्वारा भूमि के आवासीय प्रयोजन के लिए व्यपवर्तन के संबंध में जो निर्देश जारी किया गया है उसके अनुसार विकास योजना अंतर्गत आने वाले ग्रामों के लिए व्यपवर्तन प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी को प्राप्त होने के बाद प्रकरण में 15 दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से या व्यपर्तन न होने की स्थिति में कारण स्पष्ट करते हुए प्रकरण निरस्त किया जाना है।

बिन निर्णय लिए पांच माह तक लटकाया मामला

CG News: राजस्व विभाग के आदेश के अनुसार किसी भी स्थिति में प्रकरण नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय से अभिमत प्राप्त होने के बाद 15 दिवस से अधिक लंबित नहीं होना चाहिए। शासन का उक्त स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद पांच माह व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अनुविभागीय अधिकारी ने मृगेंद्र सिंहदेव द्वारा प्रस्तुत व्यपवर्तन प्रकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया जिससे व्यथित होकर अधिवक्ता सिंहदेव ने स्थायी लोक अदालत में प्रकरण प्रस्तुत किया।

CG News: प्रकरण में सुनवाई के पश्चात स्थायी लोक अदालत की अध्यक्ष उर्मिला गुप्ता ने यह माना कि व्यपवर्तन प्रकरण में समय सीमा में निर्णय न होने के कारण आवेदक को आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है। प्रकरण के निराकरण में अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा जानबूझकर लापरवाही बरती गई है,इसलिए अनुविभागीय अधिकारी को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से छह लाख की क्षतिपूर्ति 30 दिन के अंदर जमा करना का आदेश दिया है ताकि यह राशि आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान की जा सके।

सबसे सुस्त रफ्तार अंबिकापुर राजस्व न्यायालय में

CG News: बता दें कि मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रकरण को निर्धारित समय सीमा निराकरण के निर्देश राजस्व अफसरों को दिए हैं। बावजूद इसके अफसर उगाही में लगे हैं। अंबिकापुर जिले में राजस्व न्यायालयों का हाल ये है कि पीठासीन अधिकारी कई महीनों से सिर्फ पेशी तारीख ही बढ़ा रहे हैं। सबसे बुरा हाल कलेक्टर कोर्ट और अपर कलेक्टर राजस्व कोर्ट का है। जहां प्रकरणों की सुनवाई तारीख को पीठासीन अधिकारी ही गायब रहते हैं। ऐसे मुख्यमंत्री के निर्देश की कोई अहमियत नहीं बचती, इससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

आवासीय प्रयोजन के लिए समय सीमा में व्यपवर्तन नहीं करने पर है दंड का प्रावधान

CG News: मामले की जानकारी देते हुए फरयादी के अधिवक्ता ने बताया कि राजस्व विभाग के राजपत्र में प्रकाशित नियमों के अनुसार अगर राजस्व अधिकारी निर्धारित समय सीमा में व्यपवर्तन प्रकरण का निराकरण नहीं करते हैं तो उन पर दंड का प्रावधान लागू किया गया है।

CG News: हैरानी की बात है कि इस मामले में राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री, राजस्व सचिव से लेकर कलेक्टर तक से शिकायत की गई मगर एसडीएम अपनी जिद्द पर अड़े रहे। अब देखना होगा की स्थाई लोक अदालत के फैसले के बाद राज्य सरकार मनमानी करने वाले एसडीएम के खिलाफ कोई एक्शन लेती है या फिर अफसरों को मनमानी करने की छूट दी जाती है।