प्रदीप शर्मा/नई दिल्ली/रायपुर। Kissa Kursi Ka: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने के 5 दिन बाद आखिरकार सीएम पद को लेकर कांग्रेस ने पूर्व सीएम सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। सीएम पद के प्रबल दावेदार और पार्टी के संकट मोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करना पड़ा।
कर्नाटक में सीएम के चुनाव के लिए पूरी स्क्रिप्ट दिल्ली में लिखी गई। इस स्क्रिप्ट को तैयार करने में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन की बड़ी भूमिका रही। हालांकि कांग्रेस में सीएम पद के चुनाव के लिए ये स्क्रिप्ट कोई पहली कहानी नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों में इसी स्क्रिप्ट को दोहराया गया है।
आइए जानते हैं कांग्रेस के उन बड़े चेहरों की कहानी जिनके हाथों सीएम पद की कुर्सी आखिरी समय में फिसल गई। इनमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं, जहां इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसकी शुरुआत करते हैं राजस्थान से जहां इस वक्त राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं।

0.राजस्थान: अशोक गहलोत/सचिन पायलट
साल 2018 में सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री की दौड़ में थे। लगभग सब कुछ तय हो चुका था, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट की जगह अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई। तब से लेकर अब तक दोनों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
0. छत्तीसगढ़: भूपेश बघेल/टीएस सिंहदेव
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इस रेस में टी एस सिंहदेव का नाम भी चल रहा था। लेकिन, आला कमान ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बना दिया। इसके बाद से ही बघेल और सिंहदेव के बीच दूरी बढ़ गई।
यहां तक कि 2022 में टीएस सिंह देव ने अपने प्रभार वाले 5 विभागों में से एक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था। तब से लेकर छत्तीसगढ़ में ढाई ढाई साल के सीएम वाला फार्मूला अक्सर मीडिया में आता रहा है।
0.मध्यप्रदेश: कमल नाथ/ ज्योतिरादित्य सिंधिया
2018 चुनाव में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मिलकर कांग्रेस के लिए जोरदार प्रचार किया था। सिंधिया को उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुनेगी। लेकिन, आखिरी वक्त् पर पार्टी ने कमलनाथ को सीएम बना दिया। बाद में सिंधिया ने कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में चले गए। इसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गई।
0.पंजाब: कैप्टन अमरिंदर सिंह/नवजोत सिंह सिद्धू
पंजाब में साल 2021 में शुरु हुई तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सीएम पद की लड़ाई ने पंजाब में कांग्रेस को हासिए पर ला दिया। दोनों के बीच तनातनी इतनी बिगड़ गई कि आखिर में कैप्टन को इस्तीफा देना पड़ा।
नवजोत सिंह सिद्धू को भरोसा था कि अपने वादे के अनुसार कांग्रेस आलाकमान उन्हें ही सीएम बनाएगी। लेकिन, ऐन वक्त पर पार्टी ने दलित चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बना दिया और नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ से सीएम की कुर्सी आखिरी वक्त पर फिसल गई।