Korba : CKS ने लगाया आरोप, बोले एसीबी-टीआरएन एनर्जी ने बनाई दस हजार करोड़ की संपत्ति, दस्तावेजों समेत ईडी से शिकायत

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0 छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का एक और धमाका, आर्यन कोल बेनिफिकेशन दीपका व टीआरएन एनर्जी घरघोड़ा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक सतर्कता से की शिकायत, कंपनी के कर्मियों के नाम से एसीबी ने बनवाए फर्जी दस्तावेज, जिससे आदिवासियों के नाम सस्ते में खरीदी हजारों करोड़ की जमीनें, इस तरह गैर कानूनी तरीके से अघोषित संपत्ति बनाने का आरोप लगाते हुए जांच की गई है मांग

कोरबा। जिले के दीपका क्षेत्र में संचालित आर्यन कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (एसीबी) और रायगढ़ जिले के घरघोड़ा में स्थापित टीएनआर एनर्जी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिकायत की गई है। आरोप है कि दोनों कंपनियों ने गैर कानूनी रूप से फर्जीवाड़ा कर लगभग 10,000 करोड़ की अघोषित संपत्ति बनाई है। इसमें यह भी लिखा गया है कि एसीबी ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों के नाम से एसीबी ने बनवाए फर्जी दस्तावेज, जिससे आदिवासियों के नाम सस्ते में खरीदी हजारों करोड़ की जमीनें दस्तावेजों समेत की गई शिकायत पर जांच करने की मांग की गई है।

ईडी के समक्ष यह शिकायत छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेश मंत्री व अधिवक्ता दिलीप मिरी ने भेजी है। उन्होंने संयुक्त निदेशक (सतर्कता), मुख्यालय कार्यालय, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), प्रवर्तन भवन, एपीजे अब्दुल कलाम रोड नई दिल्ली को भेजी गई शिकायत में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला अंतर्गत अनुविभागीय क्षेत्र कटघोरा व पाली में एसीबी (आर्यन कोल बेनिफिकेशन) प्राइवेट लिमिटेड का पॉवर प्लांट व कोलवाशरी संचालित है। इसी तरह रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में ग्राम-टेंडा नावापारा में टीआरएन एनर्जी पॉवर प्लांट संचालित है। इनके संस्थापक व अन्य लोगों द्वारा बड़ी मात्रा में आदिवासियों की जमीनों को सस्ते दामों में खरीद कर उसमें यह प्लांट व वाशरी स्थापित व संचालित की जा रही है। यह लगभग 10,000 करोड़ की चल व अचल संपत्ति है और जिनके नाम से जमीन खरीदी की गयी है, उनके भी दस्तावेज फर्जी व कूटरचित हैं। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में ग्राम-टेंडा नावापारा में स्थित टीआरएन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड 300 प्लस 300 का पॉवर प्लांट स्थापित है। ग्राम-खोखरोआमा में उक्त 23 लोगों के नाम से सैकड़ों एकड़ जमीन वर्ष 2010 में ली गई, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है, इन 23 लोगों का जाति प्रमाण पत्र वर्ष 2013-14 में कटघोरा एसडीएम कार्यालय से बना था, जिसका मूल दस्तावेज ही विभाग से गायब है। लगातार केंद्र सरकार और राज्य सरकार से इसकी शिकायत करते आ रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। मजबूरन हमने आपके समक्ष इस बात को रखना पड़ रहा है। यह एक तरह का राष्टÑीय स्तर का बड़ा फर्जीवाड़ा है,जिसकी सूÑक्ष्म जांच जरुरी है। एसीबी कंपनी का झारखंड और ओडिशा राज्य में भी बड़े पैमाने पर कोयले का काम संचालित है। आशंका है कि वहां भी बड़ी मात्रा में फर्जीवाड़ा हुआ होगा, जिसकी जांच भी आवश्यक है। अगर सूक्ष्मता से जांच किया जाए तो 10,000 करोड़ से ऊपर का फर्जीवाड़ा व अघोषित आय का पता चल जाएगा। ईडी से आग्रह किया गया है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए,मामले की जाँच कर वैधानिक कार्यवाही करने की कृपा करें।

कंपनी के इन कर्मचारियों के नाम फर्जी दस्तावेज बनवाए

 

ऐसे कुल 23 लोगों के नामों को हमने चिन्हांकित कर छत्तीसगढ़ सरकार के पास शिकायत किया था,जिसमें हमारे द्वारा बताया गया था कि एसीबी कंपनी ने अपने कर्मचारी रघुनाथ बानरा, नंदूलाल, ईश्वर एक्का, रंजीत लकड़ा, जोरमुण्डा , बुधन सिंह, गवरियल, मोतीराम, सिकुर तुबीड, राजू, हिजकेल, कमल, शिवम उरांव, सिकन्दर, विनोद टुडू, पाण्डव होन, पिताम्बर, सेनाराम, जोगेंदर, विश्वनाथ, मघुरा, कुंवर मांझी, राम तिर्की के नाम से फर्जी व दस्तावेजों में कूटरचना कर कटघोरा एसडीएम कार्यालय से अनुसूचित जनजाति का स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनवाया है और उसी प्रमाण पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ के मूल आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीनों को औने-पौने दामों में खरीद कर उसमें पॉवर प्लांट व कोल वाशरी संचालित किया जा रहा है,तथा नई रेल लाइन गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड स्पेशल पोजेक्ट में 40 करोड़ से ऊपर का मुआवजा लिया गया है, जिसका पूर्ण प्रमाण हमारे पास है।

शासन से शिकायत के बाद 80 दिन शटडाउन कर कंपनी फिर शुरू, बड़ी डीलिंग होने की आशंका

जिसकी शिकायत हमारे द्वारा राज्य सरकार को वर्ष 2020 से किया जा रहा है। पिछले साल 2022 में कार्यालय जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति जिला कोरबा (छत्तीसगढ़) के आदेश परकुल 23 लोगों का अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया था। हमारी शिकायत के बाद एसीबी कंपनी दीपका में काफी अनिमिताएं पाई गई थी, जिसके कारण 6 जुलाई 2022 से लगभग 80 दिनों तक एसीबी कंपनी के सभी पॉवर प्लांट को शटडाउन कर दिया गया था। इस दौरान कोलवाशरी को भी सील कर दिया गया था। लेकिन 80 दिनों के बाद बिना कोई कार्यवाही के राज्य सरकार ने पुन: सभी पॉवर प्लांट और कोलवाशरी को शुरू करवा दिया। हमने सुचना के अधिकार अधिनियम कानून के तहत जानकारी लेनी चाही परन्तु कोरबा जिला के राजस्व विभाग,खनिज विभाग द्वारा जानकारी देने से इंकार कर दिया गया। शिकायकर्ता ने आशंका जताई है कि किसी बड़े सौदे के बाद ही उक्त कंपनी का संचालन पुन: प्रारंभ किया गया है,क्योंकि राज्य सरकार के आदेश से प्लांट बंद हुआ और चालू भी हो गया बिना कार्यवाही के यह चिंतनीय विषय है।

ईडी को भेजे गए हैं ये दस्तावेज

ईडी को भेजे गए दस्तावेजों में पूर्व में किये गए शिकायत की कॉपी, कार्यालय जिला- स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति जिला कोरबा (छ.ग.) के आदेश की कॉपी, रेल कॉरिडोर में लिए 40 करोड़ का मुवाबजा पत्रक और जिला कोरबा व रायगढ़ में स्थित जमीनों का विवरण शामिल है।

 

शिकायत पत्र..

 

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