रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चांपा-कोरबा-कटघोरा फोरलेन भूमि अधिग्रहण में 200 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी का केस भी अब अपने हाथ में ले लिया है। इसे मिलाकर अब ईडी ने राज्य में सातवीं जांच शुरू कर दी है। ईडी ने चिट्ठी लिखकर कोरबा पुलिस से एफआईआर और चार्जशीट की कॉपी मांगी गई है।
चर्चा है कि फोर लेन निर्माण की जानकारी के पहले प्रभावशाली लोगों ने सस्ती दर पर जमीन खरीद ली थी। जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े कर रजिस्ट्री कराई गई है। घोटाले की पाली तानाखार विधायक मोहित केरकेट्टा व कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने खुद शिकायत की थी।
साथ ही एसीसीएल की भी जमीन के अधिग्रहण में भी फर्जीवाड़े का आरोप है। ईडी इससे पहले कोल, आबकारी, डीएमएफ, नान, जनजीवन मिशन घोटाले और ऑनलाइन सट्टे, हवाला की जांच कर रही है। इसमें पटवारी, आरआई से लेकर राजनेता समेत कई बड़े लोगों की भूमिका की जांच की गई।
बता दें कि अब ईडी ने भूमि अधिग्रहण में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें पटवारी, आरआई से लेकर कई लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। चर्चा है कि इसमें कोर्ट के स्टे को लेकर ईडी अपील की तैयारी कर रही है। क्योंकि इसमें सत्ता पक्ष के कई बड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं।
0.इन बिंदुओं पर होगी जांच
प्रशासन के कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं? उनकी भूमिका क्या हैं?
तत्कालीन कलेक्टर और एसडीएम ने रजिस्ट्री होने कैसे दिया?
खरीदी-बिक्री में रोक के बाद भी 200 लोगों के नाम से रजिस्ट्री कैसे हुई?
पटवारी-आरआई ने नापखोज व सीमांकन कैसे कर दिया?
जिन लोगों की जमीन थी। उन्हें कितना पैसा दिया गया?
जमीन किसने-किसने खरीदी हैं? उन्हें फंडिंग किसने की हैं?
जमीन खरीदने वाले किस से जुड़े हुए हैं?