Naked Protestor : नग्न प्रदर्शन पर बड़ी अपडेट…56 दिनों की सजा के बाद रिहा हुए नग्न प्रदर्शनकारी

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कोरबा। Naked Protestor : विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा के मुहाने पर नग्न प्रदर्शन करने वाले अजा युवक 56 दिनों की सजा के बाद कल रात जमानत पर रिहा हो गए। इन्हें लेने चांपा जांजगीर और बिलासपुर मुंगेली जिलों से समर्थक और परिजन 30-40  वाहनों में जेल पहुंचे थे। रात करीब 10 बजे जेल से बाहर निकले युवक सीधे कलेक्टोरेट चौक स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर पहुंचे और श्रध्दांजलि के बाद रवाना हुए।

बीते 18 जुलाई को राजधानी की सड़क पर युवाओं के नंगे प्रदर्शन ने देश भऱ को चौंका दिया था। प्रशासन और  सरकार की  किरकिरी के बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया । उस दौरान पुलिस ने इन सभी पक पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज होने को लेकर बयान भी जारी किया था। ये सभी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी करने वालों से नाराज हैं इनकी मांग थी कि जाति बदलकर नौकरी करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। इससे पहले युवाओं ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की थी और अल्टिमेटम दिया गया था।

पुलिस ने 29 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपराध संख्या 213/23 धारा 146 (गैरकानूनी रूप से एकत्र होकर हिंसा करना), 147, 353, 332, 294 और 67 (ए) आईटी एक्ट के तहर केस दर्ज कर जेल भेज था। कोर्ट ने जमानत देते हुए आदेश में कहा, ‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों, अपराध की प्रकृति, अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र की गई सामग्री को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से, यह विरोध का विषय है।

इसमें कई लोग आरोपी थे, लेकिन केवल 29 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। दंड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा 41ए का अनुपालन नहीं किया गया। मुकदमे में कुछ समय लग सकता है, आरोप-पत्र भी दायर नहीं किया गया है और आवेदक 18/07/2023 से जेल में हैं। मैं आवेदकों को नियमित जमानत पर रिहा करने का इच्छुक हूं’।

मानसून सत्र के पहले दिन किया था न्यूड प्रदर्शन

आपको बताते चले कि 25 जुलाई को मानसून सत्र के पहला दिन था। मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा के सामने एसटी-एससी वर्ग के युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी करने के मामले में कार्रवाई की जाए। नग्न प्रदर्शन करने वाले सभी 29
युवाओं को पुलिस हिरासत में लेकर मंदिर हसौद थाना ले गई थी।

युवाओं के प्रदर्शन के बाद छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले में सरकार सख्त का ये सख्त रूप देखने का मिला था। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने 16 विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करने वालों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट में लंबित प्रकरणों (Nude Show) में जल्द सुनवाई पर जोर दिए जाने समेत विभागों में लंबित प्रकरणों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।